देहरादून। जामुनवाला गांव में रहने वाले पूर्व सैनिकों और ग्रामीणों की जिंदगी एक पुल के कारण सालों से रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। जामुनवाला में पुल नहीं बनने के कारण ग्रामीणों को 100 मीटर की दूरी तय करने के लिए करीब आठ किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।
अब इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद जग गई है। शनिवार को सैन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में डीएम सोनिका ने इस मामले को उठाया। कहा, सेना की एनओसी मिलने से इस पुल का निर्माण हो जाएगा और इस इलाके के लोगों की लाइफलाइन रफ्तार पकड़ सकेगी।
इस पर सेना के अफसरों ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। अगली बैठक में इस पर कोई
डीएम ने जामुनवाला पुल निर्माण के लिए सेना से मांगा अनापत्ति प्रमाण पत्र सकारात्मक निर्णय हो सकता है। दरअसल देहरादून की ग्राम सभा गुजराडा करनपुर के अंतर्गत आने वाले जामुनवाला गांव में घंघोड़ा के बीच नून नदी में बने पुल का निर्माण सालों बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।
ऐसे में पूर्व सैनिकों के साथ गांव के ग्रामीणों को रोजाना मुसीबत भरा सफर तय करना पड़ता है। बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ जाने से समस्या दोगुनी हो जाती है। ग्राम प्रधान बीर बहादुर और ग्रामीण भूप्पी ने बताया, गांव व उसके आसपास की आबादी करीब दो हजार है। इनमें से करीब 60 फीसदी परिवारों का नाता सेना है। इसके बावजूद इनकी सुनने वाला कोई नहीं है।