शोभायात्रा का रूट बदलने की मांग तुष्टिकरण, सनातन पर ढोंग करते रहे है हरदा: चौहान
प्रशासनिक मशीनरी को धमकाना परिणाम की आशंका को लेकर हताशा
देहरादून। भाजपा ने कहा कि पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत सनातन को लेकर ढोंग करते रहे हैं और तुष्टिकरण के लिए हनुमान जयंती के रूट को बदलने की पैरवी कर रहे हैं।
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करते करते सनातन विरोधी भगवनाओं को हवा देने मे जुट गए है। उन्होंने कहा हरदा शांतिपूर्ण और सभी पक्षों से संयम की अपील के बजाय जुलूस मे शामिल श्रद्धालुओं को निशाने पर ले रहे हैं।
चौहान ने हरदा के बयान को एक पक्षीय और अपतिजनक बताया जिसमे कहा गया कि बजरंग बली के भक्त हथियार लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पथराव और आगजनी करने वालो को जिस तरह शांति दूत होने का तगमा दे रहे है वह दुर्भाग्यपूर्ण और सनातन मतावलंबियो का सरासर अपमान है।
उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के लिए जुमे की नमाज के लिए छुट्टी की घोषणा, मुस्लिम यूनिवर्सिटी और तमाम तरह के सनातन विरोधी भावनाएं सामने आती रही है। जनता ने उन्हें पहले भी कांग्रेस को सबक सिखाया और अब फिर जल्दी ही उन्हें सनातन के विरोध की कीमत चुकानी पड़ेगी।
चौहान ने प्रशासनिक मशीनरी को धमकाने के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत की कड़ी निन्दा करते हुए इसे हार निश्चित मानने वाले कांग्रेस नेताओं की हताशा बताया है । उन्होंने भरोसा दिलाया कि ऐसी धमकियों से कानूनी प्रक्रिया प्रभावित नही होने वाली है और भाजपा संवैधानिक सिस्टम और जनता के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी। उन्होंने कटाक्ष किया कि एक दिन पहले उनके प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम बड़े नेता शांतिपूर्ण एवं सकुशल मतदान संपन्न होने पर संतुष्टि जता रहे थे, वहीं अब पूर्व सीएम अपने कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का झूठा आरोप लगा रहे हैं । जबकि देश दुनिया ने देखा है कि कितनी पारदर्शिता, मुस्तैदी और संविधानसम्मत प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग के अधीन प्रशासन ने मतदान तक की सभी गतिविधियों को संपन्न कराया है । ऐसे में जिन लोगों ने अपने बड़े नेताओं की शह पर कानून अपने हाथों में लेनें का काम किया और अति उत्साह में विपक्षियों की छवि बिगाड़ने के लिए षड्यंत्र किया, ऐसे सभी लोगों के प्रकरण में कानूनी प्रक्रिया चल रही है । पूर्व सीएम और प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता का इस तरह सार्वजनिक रूप से जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को धमकी देना किसी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।