देहरादून राज्य सरकार के लिये कोविड काल में सबसे बडी चुनौती के रूप में सामने खडे कुंभ मेला आयोजन को सरकार और भी व्यवस्थित तरीके से कराने जा रही है। आज समस्त अखाडा परिषदों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक संपन्न हो गई। सीएम के समक्ष आखाडे के बडे संतो ने निर्माण कार्यो में देरी पर चिंता जताते हुये अखाडों को अलग से टैंट आदि के लिये भूमि की मांग भी की है जिसे स्वीकार कर लिया गया है। बैठक में मेला प्रशासन के बडे अफसर भी मौजूद थे।
कुंभ मेला आयोजन के लिये सरकार जितना सामने दिख रही है उससे कहीं ज्यादा उसने तैयारी पूरी कर ली है। मेले में आने वाले मैन टू मैन यानि हर एक व्यक्ति का हिसाब होगा। कोविड काल में बडे आयोजन को सरकार ने एक चुनौती के साथ साथ भविष्य में देश के सामने एक सफल मेला कराकर एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करने का भी निर्णय किया है। यही कारण है कि हर अहम बैठक में स्वयं मुख्यमंत्री मौजूद होते है और हर बिंदू पर सभी की सहमति व एक्सपर्ट राय को प्राथमिकता देते है। आज हुई बैठक में संत समाज ने मांग की है कि कोविड काल के मद्देनजर भी जमीन सरकार एलाट करे जिस पर सहमति बन गई क्योंकि वजह एक कुंभ को दिव्य रूप भी देना है।
एआई आर्टफिशियल इंटेलिजेंस सूत्रों की मानें तो कुंभ मेले में सुरक्षा व आम श्रद्धालू की सुविधा के लिये एआई सिस्टम भी लगाने की तैयारी है। ये कुंभ मेला क्षेत्र में कैमरे से पूरे इलाके को कवर करते हुये कोई भी सूचना अथवा जानकारी फ्लैश होने के अलावा संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के साथ साथ खोया पाये जैसे विषय में भी काम करेगी। हलांकि शासन स्तर से इसकी अंतिम मंजूरी का इंतजार है। आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल के मुताबिक व्यापक तैयारी की जा रही है।कोविड काल में सुरक्षित कुंभ के प्रयास किये जा रहे है।