
हरिद्वार, 26 जुलाई 2025
कांवड़ यात्रा-2025 के सफल और शांतिपूर्ण समापन के बाद अब हरिद्वार को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से एक वृहद सफाई महाअभियान की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर शुरू हुए इस अभियान को जिले में एक जनआंदोलन का रूप दिया गया है।

अभियान की विशेषता रही कि यह केवल प्रशासनिक आदेशों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक और शैक्षणिक संगठनों के साथ आम जनता ने भी बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई।
वरिष्ठ अधिकारी बने प्रेरणा स्रोत

सफाई अभियान में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे और एचआरडीए उपाध्यक्ष अंशुल सिंह जैसे शीर्ष अधिकारियों ने खुद गंगा घाटों और सीसीआर क्षेत्र में श्रमदान किया। इस पहल से आमजन में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी और एक सकारात्मक संदेश गया।

डीएम मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि कांवड़ मेले की समाप्ति के साथ ही 23 जुलाई की शाम से सफाई कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। शहर को 13 जोनों में बांटते हुए प्रत्येक जोन में एक वरिष्ठ अधिकारी को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गंगा सेवा बना अभियान का मूलमंत्र
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने इस अभियान को “गंगा सेवा” करार देते हुए कहा कि गंगा मैया की सफाई करना पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा, “यदि हर व्यक्ति सप्ताह में सिर्फ एक दिन भी सफाई को समर्पित कर दे, तो हरिद्वार को एक स्वच्छ तीर्थनगरी बनने से कोई नहीं रोक सकता।”
गंगा घाटों की विशेष सफाई
एचआरडीए उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने गंगा घाटों की विशेष सफाई पर जोर देते हुए कहा कि जैसे गंगा हमारा जीवन शुद्ध करती हैं, वैसे ही हमारा भी कर्तव्य है कि हम उनके घाटों को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखें। उन्होंने इसे एक जनांदोलन का रूप देने की आवश्यकता जताई।
संस्थाओं और नागरिकों की बढ़ती भागीदारी
इस स्वच्छता अभियान में डीएफओ वैभव सिंह, एसपी सिटी पंकज गैरोला, एसडीएम जितेन्द्र कुमार, एचआरडीए सचिव मनीष सिंह, परियोजना निदेशक केएन तिवारी समेत अनेक अधिकारियों और संस्थाओं ने भाग लिया।
हरिद्वार में चलाया गया यह सफाई महाअभियान केवल एक प्रतीकात्मक प्रयास नहीं बल्कि स्वच्छता की दिशा में एक दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का संकेत है। यह पहल न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से प्रभावी रही, बल्कि नागरिक सहभागिता के लिहाज से भी एक मिसाल बन गई है।