उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया। अबतक के राहत और बचाव कार्य के दौरान चमोली जिला प्रशासन ने आठ शव मिलने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि अभी भी 125 से अधिक लोग लापता हैं। रात में भी बचव कार्य जारी रहा। नुकसान का आकलन जारी है। हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। राज्य सरकार चार और केंद्र सरकार दो लाख रुपये की सहयोग राशि देगी। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं।
एसडीआरएफ ने टनल के पास से हटाया मलबा
चमोली में तपोवन बांध के टनल के पास से मलबा और कीचड़ हटाकर एसडीआरएफ ने आगे के बचाव अभियान को अंजाम दिया। साइट से नवीनतम दृश्य। अभी तक आठ लोगों के शव बरामद किए गए हैं।
डीआरडीओ एक्सपर्ट की एक टीम आज पहुंचेगी उत्तराखंड
चमोली हादसे के वक्त मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालत न पैदा हो जाए, इसलिए बांध के पानी को रोक दिया गया था। हालांकि, अब उसी बांध के पानी को बड़ी सावधानी से छोड़ा जा रहा है क्योंकि बांध के ऊपर झील में भी पानी जमा हो गया है। हालांकि, किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद है। आज डीआरडीओ एक्सपर्ट की एक टीम उत्तराखंड पहुंचेगी। ये टीम चमोली में हादसे वाली जगह का मुआयना कर स्थिति का आकलन करेगी। टीम आसपास के ग्लेशियरों का भी अध्ययन करेगी।
मंदाकिनी नदी का जल स्तर कम होने का इंतजार
उत्तराखंड के चमोली में तपोवन बांध के पास सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान शुरू करने के लिए एसडीआरएफ के सदस्य मंदाकिनी नदी का जल स्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं।
तपोवन टनल से हटाया जा रहा है मलबा
सोमवार को तड़के साढ़े चार बजे से प्रभावित रैणी और तपोवन में राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। तपोवन टनल से मलबा हटाया जा रहा है। दो सुरंगों में 50 लोग फंसे हैं।