*बीएसएनएल केवाईसी अपडेट कराने के झांसे में लेकर 16 लाख की धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो मास्टरमाइंड राजस्थान से गिरफ्तार*
बढ़ते साईबर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है । इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा आम जनता आम जनता को बीएसएनएल की केवाईसी के झूठे झांसे में लेकर 16 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत प्राप्त होने पर प्रभारी एसटीएफ द्वारा गोपनीय जांच जांच के आदेश दिए गए । प्राप्त शिकायत के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर मु0अ0सं 12/21 सुसंगत धारा 420 आईपीसी एवं 66 (C) सूचना तकनीक अधिनियम मैं पंजीकृत किया गया |
इसी क्रम में एक प्रकरण साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ था जिसमें देहरादून निवासी गोपाल कृष्ण शर्मा के साथ इसी प्रकार की घटना घटित हुयी थी जिसमें शिकायतकर्ता शिकायतकर्ता को एक फोन आया जिसमें बताया गया कि *उनका बीएसएनएल का फोन ब्लॉक हो जाएगा इस भय से उनको विश्वास दिलाया गया कि वह एक आप क्विक सपोर्ट एप्प को डाउनलोड कर ले* जिसके माध्यम से उनकी फोन की केवाईसी को अपडेट किया जाएगा इस झांसे में आकर शिकायतकर्ता ने क्विक सपोर्ट ऐप को डाउनलोड किया और कुछ ही मिनटों में उनके 4 बैंक खातों में से *लगभग 16 लाख रुपए* ठगी हो गई | गौरतलब है कि शिकायतकर्ता के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लगभग 9 लाख, पंजाब नेशनल बैंक से 3 लाख, आईसीआईसीआई बैंक से 3.5 लाख एवं एक्सिस बैंक से 1 लाख की ठगी हुई | शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 12/21 धारा 420 भादवि व 66(C) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साईबर थाने के निरीक्षक श्री पंकज पोखरियाल के सुपूर्द की गयी ।
दौराने विवेचना आये प्रकाश में आए अभियुक्तों अरविंद राजपुरोहित एवं धीरज पंचारिया को नोखा बीकानेर से गिरफ्तार किया गया है ठगी की कमाई द्वारा विभिन्न क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग शॉपिंग में सामान खरीदते तथा पैट्रोल फिलिंग स्टेशन में इस्तेमाल कर लिया गया | पूर्व में विवेचक द्वारा एचडीएफसी के खातों में 2.48 लाख एवं आईसीआईसीआई बैंक की 1 लाख की फिक्स डिपाजिट (FD) दोनों पर ही बैंक द्वारा फ्रिज करवाया गया| इस अपराध अनावरण में स्पष्ट है कि *कैसे साइबर मामलों में अंतरराज्यीय गिरोह अलग-अलग राज्यों से साइबर अपराध कर रहा है* |
*अपराध का तरीका* अभियुक्त अरविंद राजपुरोहित मुंबई में एक फर्नीचर की दुकान में काम करता था | लॉक डाउन होने के बाद वह वापस नोखा बीकानेर जनपद में चला गया वहां पर उसकी दोस्ती एक लोकल लड़के धीरज से हुई | इन दोनों ने पैसा कमाने के लालच में जामताड़ा में दो लड़के से फोन के माध्यम से दोस्ती की | इन दोनों लड़कों ने इन्हें साइबर क्राइम करना सिखाया | उनकी रणनीति थी की जामताड़ा से बीएसएनल नंबर की केवाईसी के नाम पर वह फोन करेंगे| बीएसएनएल नंबर ब्लॉक होने का भय पैदा करके केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर यह पीड़ितों को क्विक सपोर्ट ऐप डाउनलोड करवाने के लिए कहते थे | इसके बाद वह पीड़ितों का मोबाइल हैक कर लेते थे और उनके बैंक से पैसे निकलवा लेते थे और इसके बाद नोखा बीकानेर में बैठे धीरज एवं अरविंद प्राप्त साइबर ठगी का धन वादी के नेटबैंकिंग का इस्तमाल कर के अलग अलग क्रेडिट कार्ड्स से इस्तमाल करते थे| साथ में अरविंद इन पैसों को अलग-अलग खातों में आगे भेजता था तथा एक एप्पल आई फ़ोन 1.30 लाख का खरीदा था | अभियुक्त धीरज ने गोल्ड लोन का खाता खुलवाया था तथा धोखाधड़ी के धन से गोल्ड लोन खातों की क़िस्त चुका दी थी।गौरतलब है कि *अरविंद एक शातिर साइबर अपराधी है जिसके पीछे दिल्ली पुलिस तेलंगाना पुलिस बेंगलुरु पुलिस पीछे पड़ी हुई है साथ में पूर्व में अरविंद 2 साल पहले मुंबई में जेल जा चुका है* |
*प्रभारी एस0टी0एफ0* उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि जनता से अपील की है कि इस प्रकार केवाईसी अपडेट कराने के झूठे झांसे में ना भेजें क्योंकि कोई भी केवाईसी आपके फोन के माध्यम से नहीं होती है तथा किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग ऐप हो जैसे कि क्विक सपोर्ट अनिल एनीडेस्क टीम विवर इन्हें पढ़ने के बाद ही इंस्टॉल करें क्योंकि इस प्रकार की आप प्रशिक्षण अथवा ट्रेनिंग देने हेतु प्रयोग में लाई जाती है परंतु साइबर अपराधी इसी चीज का गलत इस्तेमाल कर कर के पीड़ित के मोबाइल फोन को हैक कर लेते हैं |
*गिरफ्तार अभियुक्त*- अरविंद राजपुरोहित पुत्र श्री मनोहर सिंह राजपुरोहित निवासी नोखा, बीकानेर| उम्र 25 सालधीरज पंचारिया पुत्र श्री राम अवतार निवासी नोखा बीकानेर| उम्र 25 साल
*बरामदगी*-1- 03 अदद मोबाइल फोन (01 iphone कीमत 120000)
*गिरफ्तारी टीम*निरीक्षक श्री पंकज पोखरियालउप निरीक्षक राजीव सेमवाल हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार कॉन्स्टेबल नितिन रमोला