देहरादून राजधानी दून में हुई बड़ी सनसनी खेज लूट के आरोपियों को कोर्टने बरी कर दिया है। 2019 में एक ऑनलाइन वेबसाइट के कुरियर ऑफिस में हुई लूट के चारों आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ गुरबख्श सिंह की कोर्ट ने इन सभी को आर्म्स एक्ट के मुकदमों में भी दोषमुक्त करार दिया है। मुकदमे के दौरान प्रत्यक्षदर्शियों की गवाह दोषमुक्ति का आधार बनी, जिन्होंने इन्हें अदालत में पहचानने से इनकार कर दिया।
नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र के दून यूनिवर्सिटी रोड पर इंस्ट्रा कार्ड का ऑफिस है। 14 जुलाई 2019 की रात में यह चार सशस्त्र बदमाशों ने वहां लूटपाट की थी। हथियारों के बल पर वहां मौजूद लोगों डरा धमकाकर लॉकर की चाभी ली और उसमें से 1.42 लाख रुपये लूट कर भाग निकले। घटना की सूचना कंट्रोल रूम को दी गई, जिसके बाद वहां पुलिस ने भी जांच पड़ताल की।
अगले दिन ऑफिस के मैनेजर विष्णुकांत पांडेय ने नेहरू कॉलोनी थाने में इस संबंध में तहरीर दी थी। पुलिस और एसओजी की टीम ने 16 जुलाई को तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से लूटी गई एक लाख रुपये से अधिक की धनराशि बरामद होने का दावा किया था। पुलिस का दावा था कि इनमें से दो के पास से असलाह भी बरामद हुआ था। इसके कुछ दिन बाद चौथे आरोपी ने न्यायालय में सरेंडर किया था। इनमें दो आरोपी पूर्व के कर्मचारी भी बताए गए थे।
मुकदमे में अभियोजन की ओर से जे के जोशी और बचाव पक्ष की ओर से मुख्य रूप से एडवोकेट दीपक गुप्ता, अजय त्यागी, प्रेमनाथ यादव और मोहम्मद वाशिद ने पैरवी की। अभियोजन की ओर से इस मुकदमे में कुल 13 गवाह प्रस्तुत किए थे। इनमें वादी विष्णुकांत पांडेय और घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी भी शामिल थे। लेकिन, अभियोजन अपनी कहानी को सिद्ध नहीं कर पाया। ज्यादातर प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोपियों को कोर्ट में पहचानने से इनकार कर दिया। बताया कि लूट के लिए आए बदमाश प्रस्तुत आरोपियों की कद काठी के नहीं थे। इसी संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने सभी आरोपियों को बरी करने के आदेश दिए हैं।