दून में ठहरे थे 10 करोड के ठग

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एक्सक्लूसिव ब्यूरो, राजधानी दून अपराधियों की शरण स्थली बनता जा रहा है। अपराधियों के साथ ही साथ शातिर ठगो ने भी राजधानी दून में समय समय पर शऱण ली और कई बार पकड़े भी गये । दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम के हाथों 10 करोडी ठग जीजा साले लगे है जो कि दून की एक पाश हाईलेवल सोसाइटी में शान से रह रहे थे। इनकी ठगों की कहानी तो सुनकर आप चौंक जायेंगें साथ ही ये सुनकर भी चौंक जायेंगें कि य़े ठग फिल्मी स्टाइल में ठगी का धंधा अंजाम देते थे। व्यसायिक प्लाट दिलाने से लेकर कई बडे बडे इनके चर्चित कारनामे आपको हैरान कर देंगें।

ये है कहानी

सहत्रधारा रोड पर बने शानदार पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट में जब 20 जुलाई को दिल्ली से आई पुलिस टीम ने शातिर को दबोचा तो लोग हल्कान रह गये। दिल्ली पुलिस की टीम शातिर ठग जीजा साला की तलाश कर रही थी। दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रीयल एंड इनफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कारपोरेशन डीएसआईआईडीसी में प्लाट दिलाने के नाम पर ठगी के ये महारथी थे। गिरोह का मास्टरमाइंड विक्रम सक्सेना विक्रम का जीजा मुदित कुमार पेशे से वकील है। आरोपी विक्रम को अरेस्ट पैसेफिक गोल्फ एस्टेट से अरेस्ट किया गया था। यहाँ सोसाइटी में आरोपी ने खुद को एक प्राइवेट कंपनी का बिजनेस इंटरप्रेन्योर बताया था। दिल्ली पुलिस की कनाट प्लेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर दोनो की गिरफ्तारी का खुलासा रविवार को कर दिया है।

दून बन रहा ठिकाना

राजधानी में समय समय पर बडी बडी अलग अलग मामलों की गिरफ्तारीयों से ये साफ हो रहा है कि दून की वादियाँ बदमाशों के लिये शरण स्थली बनती रही है। प्रमुख मामलों पर नजर डालें तो मौजूदा दून पुलिस प्रमुख डीआईजी अरूण मोहन जोशी के काल में फरार चल रहा शातिर अपराधी अनिल पहलवान जिस पर एक लाख का ईनाम था दबोचा गया पहलवान भी दून के जाखन इलाके में रह रहा था। इससे पहले नाभा जेल ब्रेक की साजिश कर्ता दून में थे और रायपुर इलाके में शान से रह रहे थे। पंजाब पुलिस के इनपुट के बाद इनकी अरेस्टिंग हुई थी गौरतलब है कि राजधानी देहरादून में बीते दो वर्षों पर नजर डालें विभिन्न अपराधों में करीब साढ़े छह सौ अपराधी पकड़े गए। इनमें से तकरीबन आधे अपराधी उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों, पंजाब और हरियाणा के समीपवर्ती राज्यों से ताल्लुक रखने वाले थे। यह तब पकड़ में आए, जब इन अपराधियों का नाम किसी घटनाक्रम में आया।