कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने आज पंचायती मन्दिर देहरादून में राम मन्दिर मन्दिर जन्मभूमि के लिये खरीदी जमीन में करोड़ों रुपयों के घोटाले को लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम दरबार में उनके चरणों में बैठकर रामायण केसुन्दरकाण्ड का पाठ व हनुमान चालिसा का पाठ कर प्रभु श्री राम से पापियों को सजा दिलाने के लिऐ प्रार्थना व उपवास 12 से 01 बजे तक किया। रामायण पाठ व उपवास के समापन्न के बाद बालते हुए उन्होने कहा कि भगवान श्री राम के नाम पर जमीन खरीद में हुए घोटालें की जॉच सर्वोच्च नयायालय की निगरानी में की जानी चाहिए, प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की चुप्पी भी इस मामलें को लेकर आश्चर्यजनक है। ईड़ी, इन्कम टैक्स व सीबीआई भाजपा सरकार की भक्त ऐजसियॉ भी आंख बंद करके सो रही है। उन्होने कहा कि कैसे 2 करोड़ करोड़ की जमीन 5 मिनट में 18.5 करोड़ में बिक गई है कई सवाल है जिनका जवाब जनता को दिया जाना चाहिए जैसे कुसुम पाठक व हरीश पाठक ने अयोध्या में 12080 वर्ग मीटर जमीन 18 मार्च 2021 को शाम 7 बजकर 10 मिनट पे रजिस्टर्ड सेल ड़ीड़ से 2 करोड़ रु में रवि मोहन तिवारी व सल्तान अंसारी को बेच दी। उसी दिन 18 मार्च 2021 को शाम 7 बजकर 15 मिनट बजे सही 12080 वर्गमीटर जमीन रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी द्वारा श्री राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट मार्फत सेक्रेट्री श्री चंपत राय को 18.5 करोड़ रु में बेचने का रजिस्टर्ड इकरारनामा कर पैसे का भुगतान कर दिया, दोनों ही रजिस्टर्ड़ डॅक्युमेन्ट पर श्री अनिल मिश्रा व श्री ऋषिकेश उपाध्याय गवाह है। श्री अनिल मिश्रा श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी भी है व राष्ट्रीय स्ंवय सेवक संघ के पूर्व प्रांत कार्यवाहक तथा राष्ट्रीय सेवक संघ के आजीवन सदस्य है। इन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मन्दिर निर्माण ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है श्री ऋषिकेश उपाध्याय अयोध्या के मेयर भी है और प्रमुख भाजपा नेता भी जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नजदीकी है। गड़बड़झाला केवल इस बात से ही साफ है कि 18 मार्च 2021 को शाम 7.10 व 7.15 बजे यानि पॉच मिनट के बीच रजिस्टर्ड दोनों कागजात में राम मन्दिर निर्माण के लिए खरीदी जा रही जमीन की कीमत 2 करोड़ से बढ़कर 18.5 करोड़ रु हो जाती है। दुनिया के इतिहास में 5,50,000 रुपया प्रति सेकेड़ के हिसाब से बढ़ने वाली जमीन की यह अनोखी कीमत है इस पैसे का भुगतान उस धनराशि से किया गया, जो करोड़ो भारतीयों ने आस्था से मन्दिर निर्माण के लिए दी थी। उन्होने कहा कि क्या प्रधानमंत्री जी जवाब देगें कि क्या भगवान राम की आस्था का सौदा करने वाले पापियों को मोदी जी का संरक्षण प्राप्त है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जिनके वचनों की मर्यादा की आदर्श मूल्यों कीनैतिक आचरण की कसमें खाई जाती है उनके नाम पर इतना बड़ा कदाचरण भाजपा नेताओं ने कैसे किया। इस प्रकार की और कितनी जमीन मन्दिर निर्माण के चंदे से औने-पौने दामों पर खरीदी गई है। देश के करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम के मन्दिर निर्माण के इस ट्रस्ट का गठन देश की सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से किया गया है जब यह घोटाला और इसके तथ्य सामने है तो देशवासियों की ओर से हमारी मांग है कि वप्रधानमंत्री उपरोक्त सवालों का देश को जवाब दं तथा देश के मुख्य न्यायधीश व सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट मॉनिटर्ड जॉच करवाए। इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट मन्दिर निर्माण के चंदे के रुप में सारी प्राप्त राशि व खर्च का सुप्रीम कोर्ट के तत्वाधान में आडिट करवाए तथा मन्दिर के लिए चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत के आंकलन बारे भी जॉच करे तथा सुप्रीम कोर्ट सब देशवासियों व भक्तजनों के समक्ष वह ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करें, यही भगवान श्री राम के चरित्र नैतिक मूल्यों और आर्दशों का अनुसरण होगा।