

उत्तराखंड में ओवर रेटिंग पर सख्ती: आबकारी आयुक्त ने दिए विशेष जांच अभियान के आदेश
देहरादून — उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को खुद ‘सर्वश्रेष्ठ’ बताने के दावों के बावजूद, ओवर रेटिंग के मामलों में विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आबकारी आयुक्त हरि चंद सेमवाल ने एक बार फिर प्रदेशभर में विशेष जांच अभियान चलाने के आदेश दिए हैं।
यह विशेष अभियान 14 मई से 20 मई तक पांच दिवसीय रूप में संचालित होगा, जिसमें ओवर रेटिंग करने वाली दुकानों की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।जानकारों की माने तो प्राइवेट गैंग ही सब कुछ तय करता है जिसकी कोई आधिकारिक पुष्टि तो नहीं होती है लेकिन ये दरबार सुर्खियों में है।
सरकार की नई आबकारी नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई दुकान ओवर रेटिंग में दोबारा पकड़ी जाती है, तो उसका लाइसेंस सीधे निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि, नीति में यह प्रावधान भी जोड़ा गया है कि आबकारी आयुक्त का निर्णय अंतिम होगा, जिससे कार्रवाई की पारदर्शिता पर कुछ सवाल उठ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जानकार इस व्यवस्था को दोहरे मापदंड के रूप में देख रहे हैं। राजधानी देहरादून में पहले भी कई बार देखा गया है कि जिलाधिकारी के आदेश पर सीज की गई बार अगले ही दिन फिर से खुल जाती हैं। ऐसे में यह संदेह उठना स्वाभाविक है कि क्या नई नीति भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगी?
राज्य सरकार की साख और नीति की गंभीरता को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक होगा कि ओवर रेटिंग के मामलों में निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई हो। अब देखना यह है कि यह विशेष अभियान वास्तव में कितना प्रभावी साबित होता है।