यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में राज्य सरकार के फैसले को मिला समर्थन, कोचिंग संचालकों ने बताया सराहनीय कदम
देहरादून, 24 सितम्बर 2025:
यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) द्वारा हाल ही में आयोजित ग्रुप ‘सी’ परीक्षा में कथित पेपर लीक मामले को लेकर राज्य सरकार द्वारा उठाए गए सख्त और त्वरित फैसले का अब सार्वजनिक समर्थन भी मिलने लगा है। खासतौर पर कोचिंग संस्थानों के संचालकों ने इस निर्णय को एक “सकारात्मक और छात्रहित में उठाया गया कदम” बताया है।
राज्य सरकार ने इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक माह की समयावधि तय की है, जिसके अंतर्गत सभी उत्तर पुस्तिकाएं सील कर दी गई हैं और परीक्षा केंद्रों की गहन जांच की जा रही है। साथ ही, जांच पूरी होने तक परीक्षा परिणामों की घोषणा भी स्थगित कर दी गई है।

देहरादून समेत अन्य शहरों के प्रमुख कोचिंग संस्थानों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए अपने-अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स के ज़रिए सरकार के प्रयासों की सराहना की है। कई कोचिंग संचालकों ने कहा कि –
“यह फैसला उन छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक मजबूत कदम है, जिन्होंने कड़ी मेहनत से परीक्षा दी थी।”
एक कोचिंग सेंटर ने लिखा –
“सरकार ने दिखाया है कि वह नकल और भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। हम इसका पूर्ण समर्थन करते हैं और चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले।”
छात्रों और अभिभावकों के बीच भी इस निर्णय को लेकर संतोष का माहौल है। कोचिंग संचालकों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए परीक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाया जाए।
गौरतलब है कि 21 सितम्बर को हुई परीक्षा के कुछ पन्ने लीक होने की खबरों के बाद से मामला गंभीर हो गया था। सरकार द्वारा गठित विशेष जांच सेल ने अब तक कई संदिग्धों को चिन्हित कर लिया है और जांच जारी है।
सरकार के इस फैसले ने साफ संकेत दिया है कि उत्तराखंड में योग्य प्रतिभाओं के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।