उत्तराखंड में कोरोना संदिग्ध मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए कोविड रिपोर्ट जरूरी नहीं
देहरादून । कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों के लिए कोविड अस्पताल व हेल्थ केयर सेंटरों में भर्ती होने के लिए कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी। इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य डॉ.पंकज कुमार पांडेय ने आदेश जारी कर दिए।
सचिव स्वास्थ्य की ओर से जारी आदेेश के मुताबिक केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए प्रदेश में कोरोना इलाज के लिए त्रिस्तरीय प्रणाली पहले से स्थापित है। जिसमें कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए डेडीकेटिड कोविड अस्पताल (डीसीएच), मध्यम मरीजों के लिए डेडीकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) और कम संक्रमित मरीजों के कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) स्थापित हैं।
कोरोना लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी। किसी भी रोगी को स्वास्थ्य सेवाएं देने से इनकार नहीं किया जाएगा। साथ ही दूसरे शहर के मरीजों को भर्ती करने से भी इनकार नहीं किया जाएगा। मरीज से कोई पहचान पत्र नहीं मांगा जाएगा। अस्पताल में प्रवेश मरीज की जरूरत के आधार पर होना चाहिए। सभी अस्पतालों को कोविड मरीजों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
कोरोना की तीसरी लहर रोकने को सरकार सतर्क
प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए सरकार ने तकनीकी समिति से स्वास्थ्य सेवाओं के इंतजाम व अन्य तैयारियों को लेकर सिफारिशें मांगी हैं। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमित मामले और मरीजों की मौतें तेजी से बढ़ रही हैं। अब विशेषज्ञों की ओर से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। जिससे संक्रमण और मृत्यु दर बढ़ने का खतरा है।
कोरोना की दूसरी लहर प्रदेश में बेकाबू हो रही है। रोजाना प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं। वहीं सौ से ज्यादा मरीजों की मौतें हो रही है। जिससे सरकार और स्वास्थ्य महकमा खासा चिंतित है। बता दें कि 14 दिनों के भीतर ही प्रदेश में 461487 सैंपलों की जांच हुई, जिनमें 97064 संक्रमित मिले। जबकि 1737 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है।
शुक्रवार को सचिव स्वास्थ्य डॉ.पंकज कुमार पांडेय ने दून मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ.देवरथ रॉय की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति से कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम के लिए सुझाव मांगे हैं। तकनीकी समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार संक्रमण रोकथाम के लिए रणनीति बनाएगी।