राज्य ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल का इंतज़ार बरकरार।

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देहरादून उत्तराखंड प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने के बाद सबसे ज्यादा इंतज़ार राज्य की अफसर शाही में फेरबदल का आम आदमी इंतज़ार कर रहा है।अभी तक हो रही बड़े फेर बदल की चर्चाओ पर जानकारों ने ब्रेक लगा दिया है।जनता जो कि बड़े बदलाव का इंतज़ार कर रही थी उसे इंतज़ार करना पड़ सकता है।सूत्र बताते है बहुत व्यापक फेरबदल होंगे अब ऐसी सूरत नही बन रही ।हलांकि संघ सगठन व पार्टी mla बड़ा फेरबदल चाहते है।कई डीएम कप्तान के फोन न उठाने की शिकायत ।कुछ लोगो तक अफसरो के घिरे रहने की शिकायत भी हलांकि सीएम दरबार तक पहले । मुख्यमंत्री कार्यालय से त्रिवेंद्र राज में ताकतवर माने जाने वाले अफसरो की विदाई में बड़ा समय लगा।जबकि इन हनकदार अफसरो के पास अहम विभाग अभी भी बने हुए सलाहकारों की विदाई के बाद नौकरशाही में बड़े फेरबदल की चर्चा चर्चा तक ही समिति रह सकती है। ऐसी चर्चा है कि दो जिलो के जिलाधिकारी बदले जा सकते है। कार्मिक महकमे में मशक्कत भी जारी है। एक महिला आईएएस अफसर को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। 
सचिवालय से शुरुआत

सीएम तीरथ ने पहले दिन ही साफ कर दिया था।अफसर आम खास नही सभी से सम्पर्क करें और लोगो के फोन सुने त्रिवेंद्र राज में कई ऐसे डीएम कप्तान रहे है जो जनता दूर विद्यायको को ही तवज़्ज़ो नही देते रहे है।

सचिवालय में नौकरशाहों के बदलेंगे प्रभार
सूत्रों के मुताबिक, सचिवालय में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, प्रभारी सचिव व अपर सचिवों के विभागों में फेरबदल हो सकता है। मुख्यमंत्री के पास 20 विभाग हैं, जिनमें वह अपनी पसंद के नौकरशाहों को रख सकते हैं। कुछेक नौकरशाहों को इसके संकेत दे भी दिए गए हैं।

दर्जाधारियों में भी बेचैनी, कुर्सी बचेगी या जाएगी
त्रिवेंद्र सरकार में बनाए गए दर्जाधारियों में भी बेचैनी का आलम है। उनकी कुर्सी बचेगी या जाएगी, इसे लेकर भी निर्णय होना है। अभी सरकार के स्तर पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। जिस तरह से त्रिवेंद्र सरकार के प्रभावशाली सलाहकारों की छुट्टी की गई है, इसे देखते हुए कई दायित्वधारियों को भी अपनी कुर्सी खिसकने का खतरा सता रहा है। सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि संगठन से बातचीत करके मुख्यमंत्री इस पर निर्णय ले सकते हैं। संवैधानिक दायित्वों को छोड़कर बाकी की समीक्षा होने के संभावना है।