देहरादून रायपुर क्षेत्र में एक युवती के साथ दुष्कर्म होने के संबंध में उसके परिजनों द्वारा दी गई लिखित तहरीर के आधार पर थाना रायपुर पर मु०अ०सं० - 373/23 धारा - 70(1) भा0न्या0सं0 पंजीकृत किया गया।
उक्त घटना में अब तक की प्रारम्भिक विवेचना में निम्न जानकारी प्राप्त हुई कि -
घटनास्थल व आस-पास के सीसीटीवी फुटेजों का अवलोकन करने पर अभियुक्त 04 नम्बर चक्की के पास खड़ा दिखाई दिया, वहीं पर समय दोपहर करीब 12 बजे अभियुक्त पीडिता को पैदल-2 अपने साथ अपने मैजिक वाहन तक लाया तथा उसे अपने वाहन में बैठाकर उसे किद्दूवाला सूनसान जगह ले जाकर अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया तथा लगभग 02 घण्टे बाद उसे वापस लेकर 04 नंबर चक्की पर आया, इस दौरान रास्ते में अभियुक्त द्वारा अपने एक परिचित ड्राइवर से फोन लेकर अपने दोस्त को फोन किया गया।
इस सम्बन्ध में जिस मैजिक चालक के फोन से कॉल किया गया था, उससे पूछताछ में उसके द्वारा बताया गया कि वह अभियुक्त को पूर्व से जानता है तथा अभियुक्त उसको अपने मैजिक वाहन में रास्ते में मिला था, जहाँ अभियुक्त अभिषेक ने उससे फोन लेकर अपने दोस्त को फोन किया। उस समय उसके साथ एक युवती मैजिक में थी तथा उक्त युवती के अलावा वाहन में और कोई मौजूद नहीं था।
4 नम्बर चक्की ऑटो स्टैण्ड के आस-पास गवाहों के बयान लेने पर गवाहों द्वारा भी अभियुक्त व उसके दो नामजद साथियों के घटना के समय अलग-अलग स्थानों पर होने की पुष्टि की गई। पुलिस द्वारा घटना से सम्बन्धित महत्वपूर्ण साक्ष्य व गवाहों के विस्तृत बयान अंकित किये गये।
समस्त घटनाक्रम में अभियुक्त अभिषेक व अन्य दो नामजद अभियुक्तों के कॉल डिटेल, मोबाइल लोकेशन का परीक्षण व सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन तथा स्वतंत्र साक्ष्यों के आधार पर संदिग्ध दो नामजद अभियुक्तों की घटना स्थल पर मौजूदगी नहीं पाई गयी है।
विवेचक द्वारा पीडिता से पूछताछ कर उसके धारा 180 बीएनएसएस के बयान दर्ज किये जा चुके हैं तथा यथाशीघ्र मजिस्ट्रेट के समक्ष 183 बीएनएसएस के तहत बयान अंकित किये जाने हेतु आवेदन किया गया है। डॉक्टर से पीड़िता के संबंध में जानकारी करने पर उनके द्वारा पीडिता की स्थिती सामान्य होना बताया गया है।
अब तक प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त अभिषेक के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है तथा अभियोग की गहनता से विवेचना किये जाने हेतु अलग टीम गठित करते हुए 02 महिला उप निरीक्षकों को नियुक्त किया गया है तथा अभियोग की विवेचना में तकनीकी सहायता के लिये एसओजी से पुलिस कर्मियों को नियुक्त कर आवश्यक निर्देश दिये हैं। साथ ही सीसीटीवी फुटेजों के अवलोकन व घटना से समबन्धित समस्त गवाहों से साक्ष्य संकलन हेतु अलग से 04 तकनीकी टीमों का गठन किया गया है।