उपनल कर्मियों के मामले में जवाब मांगा

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उपनल कर्मियों के मामले में जवाब मांगा

नैनीताल। हाईकोर्ट ने उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ की अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को पूर्व के आदेश पर की गई कार्यवाही के संबंध में जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है।

हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ बनाम राधा रतूड़ी, मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार संबंधी अवमानना वाद संख्या क्लोन 402/2024 की सुनवाई हुई। इस याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2018 में संविदा कर्मियों को नियमित किए जाने के निर्देश दिए थे। जिसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट

में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्तूबर 2024 को सरकार की एसएलपी खारिज कर दी। लेकिन सरकार द्वारा नियमितीकरण की कार्यवाही नहीं की गई। इस मामले में उपनल संविदा कर्मचारी संघ की ओर से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जेएम शर्मा द्वारा पैरवी की गई। जबकि मुख्य सचिव की ओर से शपथ पत्र दायर कर कहा गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संबंध में रिव्यू पिटीशन दायर की है। उनकी ओर से रिव्यू पिटीशन में फैसला आने तक अवमानना को स्थगित

■ कर्मचारी संघ की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई

■ हाईकोर्ट ने 2018 में कर्मियों को नियमित करने के निर्देश दिए थे

रखने की प्रार्थना की गई है। वहीं उपनल संविदा कर्मचारी संघ के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि रिव्यू दाखिल कर देने से आदेश की पालना नहीं रुक जाती।

कोर्ट ने पूर्व के आदेश पर हुई कार्रवाई पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय राज्य सरकार को दिया है। सुनवाई के दौरान उपनल कर्मचारी संघ के हाईकोर्ट के अधिवक्ता एमसी पंत द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उपनल कर्मचारियों को हटाया जा रहा है।