डीएम के रूप में सोनिका मीणा का रहा है सफल कार्यकाल।

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देहरादून। डीएम सोनिका का 25 महीने तक जिले की कमान संभालने के बाद तबादला कर दिया गया। तमाम।विपरीत हालातो में उनका कार्यकाल शानदार ऐतिहासिक रहा है। उनकी जगह आईएएस सविन बंसल लेंगे। सोनिका का देहरादून में दो साल से अधिक का कार्यकाल रहा हैकई उपलब्धियां उनके खाते में दर्ज की गई, तो अपने रुख को लेकर वह निशाने पर भी रहीं है। बीते कुछ माह से सचिवालय के कुछ अफसरों के रडार पर भी वो लगातार थी।
जुलाई 2023 में सोनिका ने देहरादून की कमान बतौर जिलाधिकारी संभाली। दून की कमान संभालते समय उनके सामने कई चुनौतियां थीं। डीएम बनने के साथ ही विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष व स्मार्ट सिटी लिमिटेड में सीईओ की जिम्मेदारी भी उनके पास आ गई। सोनिका ने अपनी सख्त कार्यशैली से जिले का नेतृत्व किया, लेकिन स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों से शहर वासियों को होने वाली दिक्कतों के कारण

वह सदैव निशाने पर रहीं। उन्होंने स्मार्ट सिटी के कार्यों को रफ्तार भी दी। उन्हें नेशनल लेवल पर सम्मानित भी किया गया। परेड ग्राउंड के सौंदर्याकरण, स्कूलों के बाहर स्मार्ट रोड व अन्य कार्य कराए।

ई बसों का विस्तार कराया, लेकिन स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों की धीमी रफ्तार सदैव उनके लिए चुनौती रही। उधर करीब डेढ़ साल पूर्व उन्होंने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का खुलासा किया। उनके कार्यकाल की यह सबसे बड़ी उपलब्धि थी, जिसका संज्ञान लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी गठित की तो सभी चौक गए। कई बड़ी गिरफ्तारी भी हुई।
प्रदेश के सबसे बड़े रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच अब तक जारी है। वही कई अहम रिकॉर्ड सहारनपुर से मंगा कर डिजिटल कराने का श्रेय उन्हें जाता है ये रिकॉर्ड न होने से समय समय कई फर्जीवाड़े भी हो चुके थे ।डीएम सोनिका के कार्यकाल से कई विवाद भी जुड़े रहे। वह अपने सख्त रुख के कारण निशाने पर रहीं तो उनके कार्यकाल में लगातार अपर जिलाधिकारियों के तबादले भी चर्चा का कारण बने।
इनके कार्यकाल में दो बार एडीएम फाइनेंस व एक बार एडीएम प्रशासन के तबादले हुए। सबसे अधिक चर्चा में एडीएम फाइनेंस रामजीशरण शर्मा का तबादला रहा। बताया गया कि चुनाव कार्य
में लापरवाही करने पर डीएम ने एडीएम के खिलाफ रिपोर्ट भेजी। इसके आधार पर उन्हें पहले अटैच बाद में निलंबित किया गया। बताया गया कि शासन ने उन्हें नई जिम्मेदारी दी तो उस पर डीएम ने ऐतराज जताया। इस पर शासन ने डीएम सोनिका से ही बिंदुवार आपत्तियां मांग लीं।

उधर, डीएम के कार्यकाल में एडीएम फाइनेंस-प्रशासन में से एक पद अमूमन खाली ही रहा। डीएम के सख्त रुख के कारण उन्हें कई बार राजनीतिक लोगों के अंदरूनी विरोध का भी सामना करना पड़ा।लेकिन अपने सरल व्यवहार आमजन को सीधा न्याय दिलाने की दिशा में उन्होंने कई अहम काम किए है जबकि सोमवार को आयोजित होने वाले जनता दरबार में कई फरियादी की वर्षो पुरानी समस्या का निस्तारण डीएम सोनिका ने कराया।जिले में कानून व्यवस्था के मामले।में भी स्थिति बेहतर रही है।