देहरादून राजधानी दून में बीते 48 घंटे से जारी युवा बेरोजगार संगठन के बैनर तले धरना प्रदर्शन की आड में भले ही राजनीतिक दलों से लेकर अलग अलग संगठन अपने निहितार्थ तलाश रहे हो सरकार से लेकर सीएम धामी पर हमले कर सरकार की मंशा पर प्रश्न खडे कर रहे हो। इन सबके बीच राज्य सरकार के मुखिया ने युवाओं की कई अहम व बडी मांगों कोे स्वीकार करने में जरा भी देर नही की है। राजधानी में जारी युवाओं के प्रदर्शन में पुलिस प्रशासन बल प्रयोग फिर उपद्रवियों के दारा की गई पत्थरबाजी के कारण निशाने पर आया लेकिन यह प्रशासनिक अफसर लगातार सीनियर अफसरों से वार्ता कर आंदोलन समाप्त कर युवाओं की मांग के लिये प्रयासरत भी दिखे है।
इस बात से कोई इंकार नही कर सकता कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ही एक बडा निर्णय़ लेते हुये वर्षों वर्ष पुरानी एग्जाम में नकल नकल माफिया जैसी बीमारी को समाप्त करने का बीडा उठाया यही वजह रही की एक गैंग विशेष के वो निशाने पर भी आ गये। युवाओं की प्रमुख मांगों पर सीधे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्णय़ लेते हुये नकल विरोधी कानून का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक से पूर्व मंजूरी के साथ राजभवन को भेज दिया जिस पर जल्द ही राजभवन की मुहर लग सकती है। जानकारों की मानें तो 12 फऱवरी को प्रस्तावित पटवारी परीक्षा से पहले इस पर मुहर लगना तय है। ज्बकि लोक सेवा आयोग के एग्जाम कंट्रोलर को कल ही हटाए जाने के साथ ही साथ परीक्षा का प्रश्न पत्र बदला जा चुका है स्वयं लोक सेवा आय़ोग स्तर से इसकी जानकारी भी दे दी गई है। युवाओं की मांग पर ही पटवारी व एई जेई में घपले संबंधित पर भी निर्णय़ लिया जा चुका है। सरकार हाईकोर्ट के जज की निगरानी में एसआईटी जांच को कराने को भी तैयार हो चुकी है इसका आदेश जारी होने जा रहा है। युवाओं की एक अन्य मांग की प्रस्तावित पटवारी परीक्षा को निरस्त कर दिया जाए ये निर्णय़ लेना सरकार के लिये संभव नही है क्योंकि बहुत बडी संख्या में युवा परीक्षा की तैयारी में जुटे है ऐसे करना संभव नही नजर आता। राजधानी की जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक यथा संभव कल से ही लगातार युवाओं से वार्ता कर हर वाजिब मांग का हल निकालने के लिये सरकार गंभीर है लगातार शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क बना हुआ है।