सचिव विनय शंकर पांडे की रणनीति ने संभाली कमान काम आया अनुभव

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धराली आपदा: भय और दहशत के बीच प्रशासन की मुस्तैदी, विनय शंकर पांडे की रणनीति ने संभाली कमान

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा के पहले वीडियो सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में चिंता और भय का माहौल छा गया था। हर ओर अफरा-तफरी, लोगों की चीख-पुकार और अनिश्चितता का भाव दिख रहा था। वहीं, सरकार के सामने सबसे बड़ा सवाल यह था – आखिर हुआ क्या है और अब आगे क्या करना है?

इसी उथल-पुथल के बीच राज्य प्रशासन ने तेज़ निर्णय लेने की क्षमता और योजनाबद्ध कार्यशैली का परिचय दिया। खासकर गढ़वाल आयुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव विनय शंकर पांडे की भूमिका संकट प्रबंधन में अहम और निर्णायक रही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब आंध्र प्रदेश के दौरे पर थे, तभी विनय शंकर पांडे और आयुक्त गढ़वाल ने आपदा की गंभीरता को भांपते हुए एक व्यापक रणनीति तैयार कर ली थी। सीएम धामी के देहरादून लौटते ही न केवल अतिरिक्त अधिकारियों की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई, बल्कि हालात के अनुसार प्लान A और प्लान B जैसे वैकल्पिक राहत और बचाव विकल्पों को भी सक्रिय कर दिया गया। सीएम के बेहद विश्वास पात्र और रिजल्ट ओरियंटेड विनय शंकर पांडेय ने खुद को एक बार फिर साबित कर दिया है

विनय शंकर पांडे, जो सामान्यतः मीडिया से दूरी बनाकर रहते हैं और “काम बोलता है” की कार्यशैली में विश्वास रखते हैं, खुद उत्तरकाशी में ग्राउंड पर डेरा डाले हुए हैं। उनका फोकस स्पष्ट है – लोगों को जल्द से जल्द राहत मिले, और हर गतिविधि एक सुनियोजित तरीके से संचालित हो।

धराली आपदा के बीच शासन-प्रशासन का यह समन्वय, और विशेषकर वरिष्ठ अधिकारियों की तत्परता, यह दिखाती है कि राज्य सरकार ने न केवल हालात की गंभीरता को समय रहते पहचाना, बल्कि संकट की घड़ी में जवाबदेही और लीडरशिप का बेहतरीन उदाहरण भी पेश किया है।

आपदा चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, उत्तराखंड की प्रशासनिक मशीनरी और नेतृत्व उसे मात देने के लिए तैयार खड़ी है – धराली इसका प्रमाण बन चुका है।जानकारों की माने तो ऑपरेशन पूर्ण होने के बाद ही वापस लौटेंगे।