वीआईपी कार्यक्रमों में एसडीएम आदि को लगाने से राजस्व का काफी कार्य बाधित होता है, जिसके कारण पेंडेंसी बढ़ती है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कहा कि इसके लिए अलग से प्रोटोकॉल ऑफिसर की व्यवस्था की जाए, जिससे जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी अपने कार्य में अधिक समय दे पाएंगे।
जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त रहने के कारण अपने मूल काम को समय नहीं दे पाते हैं। हालत यह है कि राजस्व विभाग में फाइलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मुख्य सचिव ने इसका संज्ञान लेते हुए एसडीएम को वीआईपी ड्यूटी से मुक्त रखने का फरमान जारी किया है। उन्होंने एसडीएम के 25 से 30 पद और सृजित कर शीघ्र भर्ती के निर्देश दिए।
वीआईपी कार्यक्रमों में एसडीएम आदि को लगाने से राजस्व का काफी कार्य बाधित होता है, जिसके कारण पेंडेंसी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से प्रोटोकॉल ऑफिसर की व्यवस्था की जाए, जिससे जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी अपने कार्य में अधिक समय दे पाएंगे।