शराब ठेके से ही निकली शराब की बिक्री रेड लेकिन किसी पर न तो कारवाई न जवाबदेही तय

ख़बर शेयर करें

आमजन में ठेके से शराब लेने का खौफ,आबकारी विभाग की जवाबदेही कब होगी तय, छापेमार डीएम साहब कब लोगे संज्ञान,क्या हादसे का है इंतजार
हरिद्वार, बहुचर्चित झबरेड़ा जहरीली शराब कांड हो या फिर फूल गढ़ शिवगढ़ जहरीली शराब कांड अब उसके बाद शाहपुर देसी शराब के सरकारी शराब के ठेके पर नकली शराब बनाने का भंडाफोड़ होने से आम से आम लोग दहशत में है। सवाल यह है कि सरकारी ठेके पर ही जब नकली शराब बनाई जा रही हो फिर भला आमजन की जान की गारंटी कौन लेगा। दुर्भाग्य की बात यह है कि इतनी बड़ी वारदात का खुलासा होने के बाद एक भी आबकारी अफसर की जवाबदेही तक तय नहीं की गई है ।ऐसे में तो यही प्रतीत हो रहा है कि आबकारी महकमें को फिर से जिले में एक बड़े शराब कांड का इंतजार है । सीएम पुष्कर सिंह धामी के विजन को आबकारी अफसर पलीता लगाने में जुट गए है। सोमवार को देहरादून से आई आबकारी विभाग की टीम ने हरिद्वार में चल रहे गोरख धंधे से पर्दा उठाया था। शाहपुर में सरकारी शराब के ठेके में नकली शराब बेखौफ होकर बनाई जा रही थी ।यही नहीं पब्लिक को भी बेची जा रही थी। ऐसे में जब ठेके पर नकली शराब बनाई जा रही हो तो फिर अन्य क्षेत्रों में भी नकली शराब बनाए जाने की बात से इनकार नहीं कर सकते हैं ।
हैरानी तो इस बात है कि देहरादून की टीम का नेटवर्क हरिद्वार आबकारी विभाग के नेटवर्क से बेहद मजबूत है, यह बात उनकी रेड से साबित हो चुकी है। सवाल यह है कि हरिद्वार की आबकारी टीम का नेटवर्क शून्य है या फिर जानकार अनदेखी की जा रही थी।हरिद्वार जिले में दो बड़े शराब कांड पूर्व में घटित हो चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गवा चुके हैं ।यही नहीं शराब कांड में जान गंवा चुके आमजन के परिवार आज तक शराब कांड का दंश झेल रहे हैं।कई परिवार पूरी तरह से तबाह हो चुके है। पर आबकारी महकमा अपनी जिम्मेदारी समझने को तैयार ही नहीं है । सरकारी ठेकेपर जब नकली शराब बनाई जा सकती है , तो ऐसे में जहरीली शराब बनाकर आमजन को परोसने की बात बलवती हो जाती है। ऐसा अंदेशा साफ तौर पर आबकारी विभाग की कार्यशैली को जताया जा रहा है। मौजूदा समय में नगर निकाय चुनाव चल रहे हैं और शराब की डिमांड अधिक बढ़ जाती है , इस सूरत में नकली शराब बनाकर मतदाताओं को परोसने का कार्य शराब माफिया कर सकते हैं।

डीएम की चुप्पी भी चिंताजनक
हरिद्वार,सरकारी ठेके में नकली शराब बनाने का खुलासा होने के बाद भी जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह चुप्पी साधे हुए हैं। रोजाना छापामारी करके विभागों में अधीनस्थों को लताड़ लगाने वाले डीएम की कार्यशैली भी सवाल खड़े कर रही है। अब तक जिलाधिकारी ने इतनी बड़ी वारदात पर आखिर संज्ञान क्यों नहीं लिया ,यह भी अपने आप में हैरानी की बात है।

नकली शराब के सौदागरों के हौसले होंगे बुलंद
हरिद्वार, नकली शराब का गोरख धंधा कर रहे लोगों पर आबकारी विभाग ने अभी तक कोई शिकंजा नहीं कसा है ।दुकान जिस महिला के नाम पर आवंटित है ,उस महिला से अब तक पूछताछ नहीं हो सकी है। ना ही शराब बना रहे आरोपियों पर कोई कार्रवाई की गई है ऐसे में नकली शराब के सौदागरों के हौसले बुलंद होना लाजिमी है।