नैनीताल उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के अपने आदेश को 28 अप्रैल 2021 को पीआईएल 97/2019 में रद्द कर दिया था। साथ ही राज्य सरकार को इस बावत आदेश दिए थे कि इस इंजेक्शन की बिक्री और आपूर्ति पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जिसे देखते हुए सचिव पंकज कुमार पांडे ने आदेश जारी कर दिया है। जारी किए गए आदेश में इस बात का जिक्र है कि कोविड-19 मरीजो के इलाज ले लिए रेमेडिसविर आवश्यक दवाओं में से एक है। ऐसे में प्रदेश के भीतर ड्रग इंस्पेक्टरों को रेमेड्सविर इंजेक्शन की जमाखोरी और बिक्री पर विशेष निगरानी रहने की जरूरत है।
इन मुख्य बिंदुओं पर किया गया है फोकस…….
– भारत सरकार/ राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप रेमेडिसवियर आपूर्ति और बिक्री सख्ती से होनी चाहिए।
– सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर काम करने वाले ड्रग स्टोर्स का निरीक्षण करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई कमी नहीं है, या रेमेड्सविर के लिए अधिक चार्ज नहीं किया गया है।
– संबंधित ड्रग इंस्पेक्टरों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रेमेडीसविर के प्रत्येक पैक पर क्यूआर कोड अंकित हैं।
– यदि किसी फार्मासिस्ट को तय मूल्य से अधिक रेमेड्सविर की जमाखोरी या बिक्री करने का पता चलता है, तो संबंधित ड्रग इंस्पेक्टर उक्त फार्मासिस्ट के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करेगा।