जिला आबकारी अधिकारी ने ठेके के लिए डीएम और प्रमुख सचिव को किया गुमराह, निलंबन की संस्तुति
देहरादून
जिला प्रशासन देहरादून में एक बड़ा खुलासा सामने आया है, जिसमें जिला आबकारी अधिकारी के पी. सिंह द्वारा शराब के ठेके दिलाने के लिए जिलाधिकारी और प्रमुख सचिव को गुमराह किए जाने का मामला उजागर हुआ है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आबकारी अधिकारी के खिलाफ निलंबन की संस्तुति शासन को भेज दी है।
जांच में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 23 जुलाई को डीएम ने प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर बताया कि आबकारी अधिकारी ने शराब ठेके को लेकर सच्चाई छिपाई और गलत तथ्यों के आधार पर प्रस्ताव पास कराया। इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि आबकारी अधिकारी ने जनहित की अनदेखी करते हुए निजी लाभ को प्राथमिकता दी और शासन को गुमराह किया।
गलत जानकारी देकर लिया गया निर्णय
डीएम सविन बंसल द्वारा भेजे गए पत्र में बताया गया कि आबकारी अधिकारी ने शराब, सड़क सुरक्षा समिति, डीएम, आयुक्त आबकारी और प्रमुख सचिव-आबकारी के निर्णयों के विपरीत जाकर ठेका आवंटन कराया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अधिकारियों को ऐसी जगहों पर ठेके खोलने की स्वीकृति नहीं दी गई थी, जहां पहले से आपत्ति थी।
जांच रिपोर्ट में पुष्टि
जांच में सामने आया कि आबकारी अधिकारी के.एस. सिंह ने हाईकोर्ट के निर्देशों और शासन के स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी विवादित और प्रतिबंधित क्षेत्रों में शराब के ठेके खोलने का प्रयास किया। इन क्षेत्रों में जीएमएस रोड, तेलपुर चौक, एमडीडीए पार्क, केदारपुरम सहित कई संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने अफसरों की टीम बनाकर मौके की जांच कराई, जिसमें यह साबित हुआ कि जिन क्षेत्रों में ठेके खोले गए, वे नियमों और नीतियों के पूरी तरह खिलाफ थे। डीएम बंसल ने कहा कि “शराब के ठेके शिफ्ट करने के मामले में जिला आबकारी अधिकारी ने आदेशों को गलत रूप में प्रस्तुत किया और नियमों का उल्लंघन किया। इस पूरे प्रकरण को देखते हुए निलंबन की संस्तुति शासन को भेजी गई है।”
प्रमुख बिंदु:
शराब ठेकों के आवंटन में नियमों की अनदेखी।
जिलाधिकारी व प्रमुख सचिव को गुमराह किया गया।
संवेदनशील क्षेत्रों में ठेके देने की अनुशंसा की गई।
जांच रिपोर्ट में आरोप प्रमाणित, निलंबन की संस्तुति।