
पंचायत चुनाव में धामी की नीतियों पर जनता की मुहर
कई जिला पंचायत सीटों पर आगे चल रहे भाजपा समर्थित उम्मीदवार
जनता-जनार्दन का साथ धामी के साथ
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की ऐतिहासिक बढ़त और लगातार आ रहे सकारात्मक रुझानों ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उत्तराखंड की जनता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पूर्ण विश्वास रखती है। हरिद्वार जनपद को छोड़ प्रदेश के 89 विकासखंडों की 10,915 सीटों के लिए 34,151 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था, जिनमें अधिकांश जिला पंचायत सदस्य की सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को मतगणना के पहले ही दिन बढ़त मिलती दिखाई दी। यह बढ़त मात्र चुनावी आंकड़ा नहीं, बल्कि उस भरोसे की अभिव्यक्ति है जो गांव-गांव और जन-जन के हृदय में मुख्यमंत्री धामी जी के विकासशील, पारदर्शी और तेजतर्रार नेतृत्व के प्रति अंकित हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिस निष्ठा और समर्पण के साथ उत्तराखंड को विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर किया है, उसका सीधा प्रभाव अब पंचायत स्तर तक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। प्रदेश की जनता यह भलीभांति जानती है कि आज अगर कोई नेतृत्व राज्य को स्थिरता, प्रगति और सुशासन की दिशा में ले जा रहा है, तो वह केवल और केवल मुख्यमंत्री धामी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं जिस गति और प्रभावशीलता से पहुंची हैं, उसने भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के प्रति लोगों का समर्थन स्वतः सुनिश्चित कर दिया है।
जिला पंचायत की अधिकांश सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की मजबूत स्थिति ने यह सिद्ध कर दिया है कि जनता अब जाति, क्षेत्र और भावनात्मक नारों से ऊपर उठकर विकास, सुशासन और जवाबदेही को प्राथमिकता देने लगी है और यह परिवर्तन लाने वाले नेतृत्व का नाम है पुष्कर सिंह धामी। यह चुनावी प्रदर्शन भाजपा के लिए जितना राजनीतिक रूप से अहम है, उतना ही मुख्यमंत्री धामी के लिए जनता के उस अटूट विश्वास का प्रमाण भी है, जो उन्हें उत्तराखंड का सबसे लोकप्रिय नेतृत्व बना चुका है।
इस जनादेश के रुझानों से तीन बातें स्पष्ट हो गई हैं — पहली, भाजपा आज भी प्रदेश की सबसे भरोसेमंद राजनीतिक शक्ति बनी हुई है; दूसरी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी प्रदेश के हर कोने में विश्वास और विकास का पर्याय बन चुके हैं; और तीसरी, उत्तराखंड की जनता अब स्थिरता, स्पष्ट सोच और दूरदर्शी नेतृत्व के साथ ही भविष्य की यात्रा करना चाहती है। यह चुनाव परिणाम “विकास युग” की उस मजबूत नींव को और भी सुदृढ़ करता है, जिस पर एक विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड का भविष्य टिका है।