रजत जयंती उत्सव को जन-जन का पर्व बनाने की योजना को कौन लगा रहे पलीता
देहरादून।
उत्तराखंड इन दिनों अपने रजत जयंती उत्सव की धूम में सराबोर है। राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर राजधानी देहरादून में भव्य आयोजन हो रहे हैं। राष्ट्रपति के शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कल देहरादून पहुंचेंगे और राज्य को हजारों करोड़ की सौगात देंगे।
राज्य सरकार इस आयोजन को “जन-जन का उत्सव” बनाने के प्रयास में जुटी है। सरकार चाहती है कि नई पीढ़ी राज्य निर्माण के संघर्ष और बलिदानों को समझे और उत्तराखंड की विकास यात्रा से सीधे तौर पर जुड़ सके। इसी कड़ी में विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा प्रदर्शनी और जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें विद्यार्थियों और युवाओं को आमंत्रित किया गया है ताकि वे राज्य की नीतियों, योजनाओं और उपलब्धियों से परिचित हो सकें।
हालांकि, इस बीच कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स और वायरल पत्रों के जरिए यह भ्रामक दावा किया जा रहा है कि कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी दबाव बनाया जा रहा है। ये दावे पूरी तरह तर्कहीन और भ्रामक बताया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे अफवाह फैलाने वाले लोग हर मौके पर सरकार का विरोध करने का अवसर तलाशते हैं और अब रजत जयंती उत्सव जैसे गरिमामय आयोजन को भी राजनीति के घेरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं
सीएम पुष्कर सिंह धामी अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में साफ कह चुके है कि इस उत्सव का उद्देश्य किसी राजनीतिक प्रचार से नहीं बल्कि राज्य के निर्माण में योगदान देने वाले प्रत्येक वर्ग को सम्मान देना और उत्तराखंड की विकास यात्रा से समाज के हर तबके को जोड़ना है।

