देहरादून राजधानी देहरादून में एक बार फिर से जिला आबकारी अधिकारी के लिये आबकारी मुख्यालय में तैनात प्रभा शंकर मिश्रा उप आबकारी आयुक्त को भेजा गया है। कैलाश बिंजोला जो कि ओवर रेटिंग के आरोपो में हटाए गये है उनके हटते ही ये बात जग जाहिर भी हो चुकी थी आबकारी मुख्यालय मे कई महत्वपूर्ण दायित्वों की जिम्मेदारी के साथ साथ देहरादून का जिम्मा भी अब बतौर जिला आबकारी अधिकारी अलग से देखेंगें। मिश्रा इससे पहले भी हरिदार और देहरादून मे प्रभारी बनाकर भेजे जा चुके है। हरिदार में मिश्रा लंबे अरसे तक संबद्धता के आधार पर तैनात रह चुके है। विभाग के भीतर सवाल भी उठ रहे है कि क्या कोई दूसरा अधिकारी उपलब्ध नही था या योग्य नही था।
चिठठी टाइप कर जेब में कौन रख लेता है
आबकारी महकमे में कई किस्से कहानियाँ समय समय पर चलती रहती है जिस पर कंपनी की कृपा है और जो पूरा निष्ठावान है उसका पूरा ख्याल भी रखा जाता है। चश्मा लगाकर चलने वाले एक साहब जिन्हे शाम होते ही होटल रेस्टोरेंट में फोन करवा कर भोजन भजन की व्यवस्था में जुट जाते है। आबकारी महकमे के अलावा अलग से लाए गए एक बाबू के माध्यम से भी चिट्ठी टाइप कराकर ये साहब चिट्ठी खुद ही जेब में रख लेते है फिर जैसी व्यवस्था बनती है के अनुरूप चिट्ठी को जारी अथवा रोक लिया जाता है। सिपाहियों से लेकर अधिकारियों में फिलहाल इनके नाम का डंका बज रहा है खुद गंभीर जांच में फंसे ये साहब फिलहाल भाग्य विधाता होने का दावा भी करते है। दावा तो ये तक करते है कि वो किसी के भी खिलाफ चाहे पत्रकार हो क्यों न हो ये साजिश करके मुकदमा दर्ज कराकर जेल भी भेज सकते है क्योंकि निजी कंपनी से उन्हे पूरी छूट है।