राजधानी की सड़कों पर बेहाली, सहस्त्रधारा रोड बना मुसीबत, अफसरों की अनदेखी से जनता परेशान

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देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शासन-प्रशासन के दावे सड़कों पर दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशों और मुख्य सचिव के आदेशों का भी असर जमीन पर नहीं दिख रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण सहस्त्रधारा रोड है, जो आजकल राजधानी की सबसे बदहाल सड़कों में शुमार हो चुकी है।

राजधानी की इस प्रमुख सड़क पर सड़क चौड़ीकरण और अंडरग्राउंड विद्युत केबलिंग कार्य आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गया है। जगह-जगह खुदी सड़कें न केवल ट्रैफिक में बाधा बन रही हैं, बल्कि उड़ती धूल और मलबा लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा है। स्थानीय लोग सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं, जबकि बारिश के बाद कीचड़ और मलबे से चलना दूभर हो जाता है।

यही रास्ता ऊषा कॉलोनी से हेलीपैड तक जाता है, जिससे होकर राज्य के तमाम वरिष्ठ अधिकारी और आईएएस अधिकारी रोजाना गुजरते हैं। इसके बावजूद व्यवस्था सुधारने की किसी को फुर्सत नहीं है। नगर निगम सीमित संसाधनों के कारण चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा, जबकि ऊर्जा विभाग के अधिकारी जवाब देना तक मुनासिब नहीं समझते।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि राजधानी के कुछ अधिकारी सिर्फ सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और वहीं खुद को हीरो साबित करने में लगे हैं। जमीनी समस्याओं पर ध्यान देने की फुर्सत शायद किसी को नहीं है।