देहरादून उपनल कर्मियों के तेवर सरकार के खिलाफ और तल्ख हो गए हैं। सेवा समाप्ति के आदेश पर आक्रोश जताते हुए पांचवें दिन उपनल कर्मियों ने धरने के साथ ही विभागों में क्रमिक अनशन भी शुरू कर दिया। इसके अलावा पोस्टकार्ड के माध्यम कर्मियों ने प्रधानमंत्री को मांगपत्र भेजा है।
मांगों को लेकर आंदोलन पर डटे उपनल कर्मियों के तेवर सरकार के खिलाफ और तल्ख हो गए हैं। सेवा समाप्ति के आदेश पर आक्रोश जताते हुए पांचवें दिन उपनल कर्मियों ने धरने के साथ ही विभागों में क्रमिक अनशन भी शुरू कर दिया। इसके अलावा पोस्टकार्ड के माध्यम कर्मियों ने प्रधानमंत्री को मांगपत्र भेजा है। साथ ही दिल्ली में सांसदों के आवास पर प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है।
समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत उपनल कर्मियों का सहस्रधारा रोड स्थित एकता विहार में धरना जारी है। उपनल की ओर से पांच दिन तक अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के आदेश पर तमाम कर्मचारियों ने आक्रोश जताया। धरने में उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कुशाग्र जोशी ने कहा कि सरकार की ओर से उपनल कर्मियों की अनदेखी की जा रही है। अब उन्हें सेवा समाप्त करने का भी डर दिखाया जा रहा है। लेकिन, अपने अधिकारों की लड़ाई से कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे। बताया कि आंदोलन के तहत क्रमिक अनशन भी शुरू कर दिया गया है।
जिसके तहत पहले दिन दून विश्वविद्यालय के 15 कर्मचारी अनशन पर रहे। जिनमें मुकुल बहुगुणा, अभिनव जोशी, योगेंद्र नेगी, कमलेश्वर डोभाल, अजय बिष्ट आदि शामिल हैं। महासंघ के मुख्य संयोजक महेश भट्ट ने कहा कि कर्मचारी पांच दिन से आंदोलनरत हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने सुध नहीं ली है। बताया कि राज्य सरकार के रवैये से खफा होकर करीब 5000 उपनल कर्मियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्टकार्ड भेजे हैं। महासंघ के प्रदेश महामंत्री हेमंत रावत ने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र कर्मचारियों की मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती तो महासंघ के बैनर तले दिल्ली जाकर उत्तराखंड के सांसदों के आवास पर प्रदर्शन किया जाएगा। पांचवे दिन धरने में विनोद गोदियाल, दीपक चौहान, भावेश जगूड़ी, विद्यासागर धस्माना, हरीश कोठारी, विपिन नेगी, दीपा, मीना, पल्लवी, साधना, कल्पना आदि सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए।