हरिद्वार, संवाददाता जवाहर लाल नेहरु राष्ट्रीय युवा केंद्र की बेशकीमती भूमि को औने पौने दाम में लीज पर देने का मामला गर्मा गया है। संस्था की केंद्रीय कमेटी की कार्यकारी अध्यक्ष उज्जवला शर्मा एवं सचिव पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर स्थानीय अध्यक्ष दीपा जोशी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिएहै। शहर के बीचो बीच भगत सिंह चौक के पास यूपी-उत्तराखंड के सीएम रहे एनडी तिवारी ने जवाहर लाल नेहरु राष्ट्रीय युवा केंद्र की आधारशिला रखी थी। संस्था का मकसद युवा वर्ग से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देना था। पिछले दिनों संस्था की स्थानीय अध्यक्ष दीपा जोशी ने कैंपस में ही कंप्यूटर सेंटर का संचालन कर रहे अरुण शर्मा को संस्था की भूमि पंद्रह साल के लिए लीज पर दे दी।
जिसका प्रति माह किराया सवा लाच रुपये के आस पास तय किया गया ।
इस बात की जानकारी मिलने पर संस्था की केंद्रीय कमेटी की कार्यकारी अध्यक्ष उज्जवला शर्मा एवं सचिव पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ने विरोध कर दिया लेकिन स्थानीय अध्यक्ष दीपा जोशी अपने किए गए रजिस्टर्ड इकरारनामा पर अडिग रही।
कार्यकारी अध्यक्ष एवं सचिव ने जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को पूरे मामले की जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि बिना केंद्रीय कमेटी की संस्तुति के गलत ढंग से संस्था की भूमि लीज पर दे दी है, यह सरासर गलत है। आरोप लगाया कि संस्था की स्थानीय अध्यक्ष दीपा जोशी को भूमि पर लीज पर देने का अधिकार ही नहीं है, यह संस्था के संविधान में साफ साफ लिखा है।
औने पौने दाम में संस्था की भूमि लीज पर देकर उसे खुर्द बुर्द करने का प्रयास किया जा रहा है।
धीराज सिंह गर्ब्याल ने जानकारी दी कि शिकायती पत्र मिला है। चूंकि मामला संस्था का है इसलिए बेहद ही गंभीरता से लेते हुए उसकी जांच कराई जा रही है।
खेल के पीछे शातिर चेहरे शामिल
हरिद्वार, संस्था की केंद्रीय कमेटी के सदस्य एवं पूर्व सीएम एनडी तिवारी के ओएसडी रहे संजय जोशी ने लीज को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एक तरफ खाली मैदान को विवाह समारोह के लिए आंवटित किया जाता है तब आर्कषक रकम ली जाती है। अब उसी भूमि को पूरे साल के लिए महज सवा लाख की रकम में दे दिया गया, यह अपने आप में हैरान कर देने वाला ही है। आरोप लगाया कि इस पूरे खेल के पीछे कई शातिर चेहरे शामिल है, जिनका मकसद संस्था की भूमि को खुर्द बुर्द करना है। कंप्यूटर सेंटर संचालन करने वाला शख्स भला सवा लाख रुपये प्रतिमाह का भुगतान कैसे कर सकता है, यह भी जांच का विषय है।
मेरे ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। संस्था की नई केंद्रीय कमेटी गठित हुई है, जिसमें उन पर आरोप लगाने वाले लोग शामिल नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उनके द्वारा न कोई लीज की गई है। जो भी कागजात लीज के तौर पर दिखाए जा रहे है, उनका उससे कोई लेना देना नहीं है।
दीपा जोशी, स्थानीय अध्यक्ष