अब जस्टिस यू.सी. ध्यानी की निगरानी में होगी एसआईटी जांच, जस्टिस बीएस वर्मा ने जताई असमर्थता

ख़बर शेयर करें

ब्रेकिंग न्यूज़ | देहरादून

UKSSSC पेपर लीक मामला: अब जस्टिस यू.सी. ध्यानी की निगरानी में होगी एसआईटी जांच, जस्टिस बीएस वर्मा ने जताई असमर्थता

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा से जुड़े पेपर लीक मामले में जांच की निगरानी को लेकर बड़ा बदलाव हुआ है। सरकार द्वारा गठित विशेष जांच टीम (SIT) की निगरानी अब उत्तराखंड हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी करेंगे। इससे पहले जांच की जिम्मेदारी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बीएस वर्मा को दी गई थी, लेकिन उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपनी असमर्थता जताई।

प्रदेश सरकार ने तुरंत निर्णय लेते हुए जस्टिस यू.सी. ध्यानी को SIT जांच की निगरानी हेतु जांच आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। सरकार की यह कार्रवाई बेरोजगारों और प्रतियोगी परीक्षार्थियों में बनी असंतोष की भावना को शांत करने की दिशा में मानी जा रही है।

इससे पहले बेरोजगार संघ और विभिन्न प्रतियोगी संगठन SIT की निष्पक्षता और अध्यक्ष के चयन को लेकर सवाल उठा चुके थे। युवाओं की मांग थी कि पूरी जांच सिटिंग या निष्पक्ष रिटायर्ड जज की निगरानी में होनी चाहिए ताकि किसी भी तरह की पक्षपात की संभावना को रोका जा सके।

सरकार की मंशा साफ – “न्याय हो और न्याय होते दिखे”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर हो। सरकार का प्रयास है कि परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

आगे की प्रक्रिया:

अब सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की देखरेख में SIT द्वारा परीक्षा केंद्रों, उत्तर पुस्तिकाओं, प्रश्नपत्र तैयार करने की प्रक्रिया और संबंधित अधिकारियों/संस्थाओं की जांच की जाएगी। सरकार ने इस मामले में पारदर्शिता और समयबद्ध जांच को प्राथमिकता देने का भरोसा दिलाया है।


निष्कर्ष:
UKSSSC पेपर लीक मामले में जांच प्रक्रिया को लेकर अब एक नया मोड़ आया है। न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी के हाथ में कमान सौंपे जाने से उम्मीद की जा रही है कि अब मामले की जांच और अधिक गंभीरता व निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ेगी।

📌 यह खबर उत्तराखंड के लाखों प्रतियोगी छात्रों और युवाओं से जुड़ी हुई है, जो न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।