देहरादून राजधानी में यातायात सुधार के नाम पर आम जनता कि हिस्से में सिर्फ प्रयोग और चालान ही आये। सीपीयू ट्रैफिक पुलिस के ताबड़तोड़ चालानों से जनता पहले ही परेशान थी अब ट्रैफिक सुधार के नाम पर सिपाहियों से भी चालान कराने की योजना शुरू हो गई है। हलांकि अभी तक सिर्फ उप निरीक्षक स्तर का व्यक्ति ही चालान करता था। दून ट्रैफिक पुलिस में यातायात सुधार के नाम पर पत्रकारों या आम जनों को एक बडे अधिकारी लंदन हांगकांग और अमेरिका की तर्ज पर व्यवस्था करने का दावा करते है ये बात अलग ही खुद महकमे के जूनियर कर्मचारी ही इससे सहमत कम ही नजर आते है। यह बात किसी से भी छिपी नही है कि राजधानी समेत जहाँ भी सीपीयू तैनात है वो चालान काटने व आम जन से मारपीट व भिडंत के अलावा कुछ खास नही कर सकी है।
यातायात पुलिस की ओर से भेजे गये प्रेस नोट के मुताबिक अब चौराहे पर खड़ा सिपाही भी करेगा चालान अक्षय कोंडे पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून* के निर्देशन में यातायात एवम सीपीयू द्वारा दुपहिया वाहन पर तीन सवारी बैठाकर वाहन संचालित करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है । वर्तमान में स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम देहरादून द्वारा शहर क्षेत्र अंतर्गत तिराहों / चौराहों पर स्थापित कैमरों के माध्यम से चालानी कार्रवाई की जा रही है । चूंकि समस्त चालानी कार्यवाही अब ऑनलाइन हो जाने के कारण मैनुअल चालान अब बहुत कम मात्रा में होते हैं । पूर्व में तिराहा / चौराहा पर तैनात यातायात पुलिस द्वारा लेफ्ट र्टन बाधित करने अथवा मार्ग पर अनावश्यक वाहन खड़ा करने वाले वाहनों के विरूद्ध क्लेम की कार्यवाही की जा रही थी इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून के निर्देशन में दुपहिया वाहन पर तीन सवारी बैठाकर वाहन संचालित करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के क्रम में आज से यातायात एवं सीपीयू द्वारा उक्त अभियान के अंतर्गत 04 घंटे में 04 घंटे में लगभग 93 चालान किए गए । उक्त चालानी कार्यवाही में मुख्य आकर्षण तहसील चौक पर तैनात यातायात महिला कर्मी 205 रचना रही, जिनके द्वारा चौक पर तैनात होकर यातायात संचालन के साथ- साथकरने वाले वाहनों पर मात्र 1 घंटे में ही 11 वाहनों के चालान करवाएं ।हलांकि ये पूछे जाने पर कि क्या सिपाही को भी चालान का अधिकार दे दिया गया है इस पर ट्रैफिक पुलिस के कोई अधिकारी जानकारी देने को सहमत नही दिखे है।वहीं जनप्रतिनिधियों के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस समय समय पर व्यवस्था सुधारने के नाम पर सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित दिख रही है। |