देहरादून जीरो टॉलरेंस का राग अलापने वाली भाजपा के शासन काल व भाजपा के ही मगर निगम बोर्ड में एक बार फिर ट्रेक्टर ट्रॉली और कूड़ा उठान के खेल पर गम्भीर सवाल के साथ ही फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र जारी करने के आरोप आम आदमी पार्टी ने लगते हुए कुछ पत्रों के साथ नगर निगम में प्रदर्शन किया। आपको बताते चले भाजपा पार्षद व वरिष्ठ कार्यकर्ता भी पूर्व में ये मुद्दा उठा चुके है लेकिन अंत मे पार्टी दबाव में खमोश हो गए थे।
आम आदमी पार्टी के मुताबिक शहर में आज के समय में प्रतिदिन करीब 300 टन कूड़ा निकलता है मगर वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी आर के सिंह द्वारा 24.07 2020 को साल 2015 से साल 2019 के बीच 310 टन प्रतिदिन कूडे उठान का फर्जी प्रमाण पत्र सनलाइट एजेंसी को जारी किया गया और वही मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी
द्वारा साल 2015 से साल 2019 के बीच 250 टन प्रतिदिन कुडे सठान का प्रमाण पत्र भार्गव एजेंसी को जारी किया गया।
इस प्रकार प्रतिदिन 560 टन कूड़े उठान का प्रमाण पत्र नगर निगम स्वास्थ्य
विभाग द्वारा 2015 से 2019 के बीच कूडा उठाने को लेकर जारी किया गया जबकि उक्त समय में प्रतिदिन सिर्फ 240 टन ही कूड़ा शहर से निकलता था जो कि उन्हीं के द्वारा विभिन्न विभाग एवं शासन को बताया गया और आज के समय में भी करीब 300 टन प्रतिदिन ही कूडा शहर में निकलता है।
इसी फर्जी प्रमाण पत्र की बदौलत जो ठेकेदार सिर्फ ट्रैक्टर को किराए पर देने का कमा करता था को इते जटिल कार्य के लिए देश में कहीं भी निविदा भरने
का मौका मिल गया।
इतना ही नहीं, फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाली भी वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के सिंह और निविदा में जमा किए गए प्रमाण पत्रों की जांच करने वाले भी वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के सिंह डॉ आर के सिंह की जांच के आधार पर ही ठेकेदार को एलोवे जारी किया गया
आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि जिस अधिकारी ने यह फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया और जिसने निविदा जांच में भी फर्जी प्रमाण पत्र को सही करार दिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाए एवं फर्जी प्रमाण पत्र जमा करने वाले ठेकेदार के खिलाफ भी कार्यवाही की जाए और उसको ब्लैक लिस्ट किया जाए।
2. धर्मपुर विधान सभा के अन्तर्गत जो कूड़ाघर बनाया गया है उससे आस-पास के सभी क्षेत्रीय लोग बहुत समस्या का सामना कर रहे हैं। करोना महामारी जैसे काल में जिस तरह गन्दगी फैलाई जा रही है वहां के स्थानीय लोगों को संक्रमित होने का खतरा है। शहर के बीचो-बीच इस कूड़ाघर का कोई औचित्य नहीं है, शाम के समय पूरी धर्मपुर विधान सभा में बदबू कई कि0मी0 तक फैल जाती है, बहुत बार निवेदन और शिकायत करने पर भी इस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुयी यही नहीं पूरी धर्मपुर की जनता का मानना है कि अगर जल्द ही इसका निस्तारण नहीं हुआ तो यह एक आक्रोशक
आम आदमी पार्टी को चाहिए इन सवालों के जवाब
1. ट्रैक्टर ट्राली किराए पर चलाने वाले ठेकेदार को वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने फर्जी सर्टिफिकेट क्यों जारी किए? 2 डॉक्टर आरके सिंह की मूल तैनाती मसूरी में है तो वह देहरादून में क्योंजमे है?
3. क्या डॉक्टर आरके सिंह केवल कमीशन के लिए देहरादून में बैठे हैं? 4. उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 के तहत ढाई लाख से ऊपर केटेंडर को ई-टेंडर के जरिए निकालने का प्रावधान है तो टेंडर ऑफलाइन क्यों कराया गया?
5. ऑफलाइन टेंडर निकालने के लिए कुख्यात वरिष्ठ नगर स्वास्थ्यअधिकारी डॉ आरके सिंह पर कार्रवाई से क्यों घबराते हैं अधिकारी? 6, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के सिंह को आखिर किसका
संरक्षण प्राप्त है?
7. क्या ठेकेदार ने वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी को घूस देकर जारी कराया था यह फर्जी सर्टिफिकेट?
8. क्या ठेकेदार के सभी दस्तावेजों की जांच नियमानुसार और टेंडर की
शर्तों के अनुसार की गई? 9. कहीं ठेकेदार के दस्तावेजों की जांच फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने वाले
वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा तो नहीं की गई? 10. कहीं ठेकेदार और स्वास्थ्य अधिकारी आपस में पाटनर तो नहीं?
मामले में नगर आयुक्त नगर निगम विनय शंकर पांडे ने कहा है कि वो फिलहाल सत्र में गैरसैण गए हुए है लौटकर प्रकरण की जांच करायी जाएगी