राजधानी में 20 हजार से अधिक की संख्या में जुटे लोग पुलिस अग्नि परीक्षा में सफल

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देहरादून राजधानी दून में अवकाश और लॉंग हाली डे के बीच दो बडे जूलूस आयोजनो में दून पुलिस की तैयारियो ने बिना किसी विवाद अथवा टकराव की स्थिति पैदा होने की स्थिति ही नही आने दी। कप्तान अजय सिंह बीते दिनों से लगातार इन आयोजनो में रूट प्लानिंग से लेकर हर छोटी बडी चीज पर पुलिस निगाह बनाये हुई थी। रविवार को भाजपा युवा मोर्चे का मोदी है एक बडी पदयात्रा का आयोजन किया गया था।

कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी से लेकर बडे नेता और बडी संख्या में युवा पदाधिकारी कार्यकर्ता पदयात्रा में शामिल होने पंहुचे थे। वहीं उत्तराखंड मांगे भू कानून की कॉल पर राजधानी में बडी संख्या में पहाड से लोग समाजिक संगठन राज्य आंदोलनकारियों से लेकर अधिवक्ता और प्रत्येक वर्ग से लोग पंहुचे थे। खास बात ये है भी दोनो ही यात्राओं के रूट संचालन में पुलिस की प्लानिंग सटीक रही ज्बकि ऐसे मौके पर कई बार शरारती तत्व स्थिति बिगाडने का प्रयास भी करते है। कप्तान अजय सिंह ने सुबह से ही फोर्स संग मोर्चा संभाल रखा था। कप्तान अजय सिंह पैदल ही पूरे रूट पर एक्टिव दिखे और फोर्स ने मुस्तैदी के साथ डयूटी की। दून में करीब 15 से 20 हजार लोगो की भी़ड दोनो ही आयोजनो में पंहुची थी। 

सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों से संपर्क कर रैली का टालने का अनुरोध किया गया था। कहा कि हम सरकार की इस पहल और सक्रियता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह जन आंदोलन है, जिसका नेतृत्व उत्तराखंड की आम जनता कर रही है। इसलिए इस आंदोलन से संबंधित कोई भी फैसला आम जनता के बीच से ही निकलेगा। उन्होंने कहा महारैली तय तारीख और तय समय पर ही होगी। उन्होंने बताया कि रैली को तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से अपना समर्थन दिया है।

उत्तराखंड में मूल निवास कानून लागू करने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित किए जाने और प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू किए जाने जैसे मुद्दों पर आज देहरादून में उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली जा रही है। इस दौरान युवाओं समेत तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन परेड ग्राउंड में जुटे। 

संघर्ष समिति की ये भी हैं प्रमुख मांगें
– प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो।
– शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।
– ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
– गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।
– पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।
– राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
– प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।

– ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।