कर्मकार कल्याण बोर्ड मैं मंत्री और अध्यक्ष की लड़ाई आए दिन नए बयानों के साथ सतह में आ रही है जहां अध्यक्ष शमशेर सत्याल कर्मकार बोर्ड में हुए कामों की सीबीआई जांच करा कर मंत्री हरक सिंह रावत पर सवाल खड़े कर रहे हैं वहीं अब मंत्री हरक सिंह रावत ने भी खुलकर चुनौती देते हुए साफ कहा कि उनके कार्यकाल में कर्मकार बोर्ड में हुए कामों की सीबीआई क्या किसी भी एजेंसी से जांच करा लें और आज नहीं सालों बाद भी करा ले तो उसमें कोई घपला घोटाला नहीं निकलने वाला उनके अनुसार अध्यक्ष को समझना चाहिए कि वह कि पर सवाल खड़े कर रहा है हरक सिंह ने साफ कहा कि इस कर्मकार बोर्ड को मेरे आने से पहले कोई जानता तक नहीं था मैंने ना केवल इसमें अधिकारियों को काम करने के लिए प्रोत्साहित किया वही 15 सालों में जो कुल डेढ़ सौ करोड़ रुपए इस बोर्ड को मिले थे हमने मात्र 3 साल में ही 200 करोड़ रुपए बोर्ड को कमा कर दिए उनके अनुसार जो भी खरीद हुई वह केंद्र सरकार की एजेंसियों क्यों द्वारा खरीदी गई और हमारे समय में जो भी सामान लिया गया वह उच्च कोटि का था वही शमशेर सत्याल पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सत्याल को समझना चाहिए कि वह मुझ पर नहीं तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर सवाल खड़े कर रहे हैं क्योंकि त्रिवेंद्र सिंह रावत भी चाहते थे की कोटद्वार मैं मेडिकल कॉलेज बने और उसके लिए मैंने बकायदा 50 करोड़ का प्रस्ताव एक विधायक के रुप में मुख्यमंत्री को दिया था जिसको उन्होंने मंजूर भी किया था ऐसे में बोर्ड ने जो पैसा जारी किया उसपर सीबीआई से जांच कराएंगे तो क्या वो त्रिवेंद्र सिंह रावत की जांच करना चाहते हैं ।हरक सिंह ने साफ तौर पर कहा हरबंस कपूर के क्षेत्र में सबसे पहला साइकिल वितरण का आयोजन हमने किया था जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्य अतिथि थे ऐसे में हमारे कार्यकाल पर सवाल खड़े करना ठीक नहीं ऐसे में मुख्यमंत्री को इस तरीके के आरोपों को लगाने वालों पर कार्यवाही करनी चाहिए। उनके अनुसार कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज मैं अपने घर के लिए नही पौड़ी की आम जनता के लिए खोलना चाहता हूँ ।
देहरादून, कर्मकार बोर्ड अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच चल रही जुबानी जंग को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने मुख्यमंत्री से मामले में मध्यस्थता करने के लिए कहा है जिससे कि पार्टी की छवि खराब ना हो उन्होंने कहा कि यदि इसी तरीके से पार्टी के नेता जुबानी जंग लड़ते रहेंगे तो इससे पार्टी को ही नुकसान होगा आपको बता दें कि मंत्री भरत सिंह जहां सत्याल को हटाने की लगातार मांग कर रहे हैं वही सत्याल भी बोर्ड में हुए घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं।