कैबिनेट बैठक में 6 अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर, रोजगार से लेकर बाढ़ सुरक्षा तक लिए गए बड़े फैसले
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 6 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली ने कैबिनेट को विस्तार से ब्रीफ किया। बैठक में कृषि, खनन, बाढ़ सुरक्षा, भवनों के मॉनिटाइजेशन और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आइए एक नजर डालते हैं इन फैसलों पर:
✅ 1. कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 46 पद सृजित
कृषि और कृषि कल्याण विभाग में कामकाज को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से 46 नए पदों का सृजन किया गया है। इससे विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
✅ 2. बागेश्वर में खनन निरीक्षण के लिए 18 पद बढ़ाए गए
हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में बागेश्वर जनपद में खनन गतिविधियों पर सख्ती और बेहतर निरीक्षण के लिए 18 अतिरिक्त पदों को मंजूरी दी गई है। यह कदम पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
✅ 3. बाढ़ सुरक्षा के लिए 5 निर्माण कार्यों को मंजूरी
उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिसीमन 2012 के तहत आसान बैराज से भट्टा फॉल तक बाढ़ से बचाव के लिए 5 निर्माण कार्यों को मंजूरी दी गई है। इससे देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
✅ 4. PWD के 5 गेस्ट हाउस अब PPP मॉडल पर
लोक निर्माण विभाग (PWD) के 5 विश्राम गृहों को PPP मोड पर निजी क्षेत्र को सौंपे जाने की अनुमति दी गई है। इसका उद्देश्य इन भवनों से राजस्व अर्जन को बढ़ाना और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
✅ 5. आबकारी अधिनियम में महिला-कल्याण के लिए नियमावली
आबकारी अधिनियम के तहत वसूले जाने वाले 1 प्रतिशत सेस को अब महिला एवं बाल विकास योजनाओं में प्रभावी ढंग से खर्च करने के लिए नियमावली तैयार कर दी गई है। इससे महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं को और मजबूती मिलेगी।
✅ 6. सचिव सीएम शैलेश बगोली ने दी जानकारी
बैठक के बाद सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली ने सभी प्रस्तावों की जानकारी दी और बताया कि सरकार का उद्देश्य सुशासन, पारदर्शिता और तेज़ विकास को प्राथमिकता देना है।
निष्कर्ष:
इस कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले जहां एक ओर प्रदेश के कृषि और पर्यावरणीय नियमन को सुदृढ़ करेंगे, वहीं दूसरी ओर आर्थिक संसाधनों के बेहतर उपयोग और सामाजिक कल्याण योजनाओं को भी नई दिशा देंगे।