जेल में यशपाल को पूरा हुआ एक साल, एसटीएफ की मजबूत पैरवी से नहीं मिल सकी बेल…
: उत्तराखंड एसटीएफ ने पिछले साल की थी प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई, गैंगेस्टर एक्ट में 150 करोड़ रुपये की संपत्ति हुई सीज
हरिद्वार: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भू माफिया यशपाल सिंह तोमर को रोशनाबाद जेल में बंद हुए पूरा एक साल हो चुका है। एसटीएफ ने पिछले साल 29 जनवरी को गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट से भू माफिया की गिरफ्तारी की थी। इसके बाद प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए उसकी डेढ़ सौ करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी। एसटीएफ की मजबूत पैरवी का नतीजा है कि यशपाल को जमानत नहीं मिल सकी और वह साल भर से जेल की चाहरदीवारी के पीछे अपने दिन काट रहा है।
एसटीएफ के तत्कालीन एसएसपी और हरिद्वार के मौजूदा पुलिस कप्तान अजय सिंह की अगुवाई में उत्तराखंड एसटीएफ ने चर्चित भू माफिया यशपाल तोमर पर शिकंजा कसा था। साल 2020 में शहर के उद्यमी तोष कुमार जैन, दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलर भरत चावला ने वेस्ट यूपी के बरवाला बागपत निवासी भू माफिया यशपाल तोमर के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराए थे। उद्यमी का आरोप था कि यशपाल ने उसके घर पहुंचकर हत्या की धमकी दी थी और प्रॉपर्टी डीलर ने यशपाल तोमर, उसके साले, अपने सगे बड़े भाई गिरधारी, भतीजे पर उसकी रानीपुर झाल स्थित बीस बीघा भूमि को जबरन उनके नाम करने का आरोप लगायाथा। डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर दोनों ही मुकदमे एसटीएफ को ट्रांसफर कर दिए गए थे। एसटीएफ टीम ने पूरी एक्सरसाइज करने के बाद आरोपी को गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट से दबोचा था और उसका साला भी पकड़ा गया था। आरेापी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। फिर एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यशपाल तोमर की हरिद्वार, वेस्ट यूपी, दिल्ली में फैली करीब पांच सौ करोड़ की संपत्तियों को कुर्क कर लिया था, यहां तक की उसकी बुलेटप्रूफ से लेकर अन्य गाड़ियां भी जब्त कर ली गई थी। उत्तराखंड एसटीएफ की कार्रवाई के बाद मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद पुलिस ने भी भू माफिया के खिलाफ एक के बाद एक कई मुकदमें दर्ज किए थे। तब से अब तक भू माफिया यशपाल तोमर हरिद्वार जेल में ही है। एसटीएफ की मजबूत पैरवी के चलते आरोपी को अभी तक जमानत तक नहीं मिल सकी है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि भू माफिया के खिलाफ जिले भर में दर्ज सभी मुकदमों की बेतहर ढंग से पैरवी की जा रही है। ताकि अपराधी अधिक से अधिक समय तक जेल में बंद रहें और बाहर आकर फिर से अपने गलत धंधे संचालित न कर सके।