
एफआरआई में नगर आयुक्त नमामी बंसल का व्याख्यान: “जलवायु परिवर्तन से निपटने में शहरी वन और जनसहभागिता की अहम भूमिका”
देहरादून,
आज वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देहरादून नगर आयुक्त श्रीमती नमामी बंसल ने “Role of Urban Forestry and Community Engagement in Building Climate Resilient Cities” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में उन्होंने तेजी से बदलते जलवायु परिदृश्य और शहरी जीवन पर उसके पड़ते प्रभावों को विस्तार से रेखांकित किया।

नगर आयुक्त ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते देश के प्रमुख शहरों जैसे गुरुग्राम, नोएडा और बेंगलुरु में हाल ही में शहरी बाढ़ (Urban Flooding) जैसी आपदाएं देखी गई हैं। देहरादून शहर भी बढ़ती जनसंख्या, तेजी से बढ़ते तापमान, वर्षा चक्र में बदलाव, और प्रदूषण जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने बताया कि इन चुनौतियों का समाधान केवल प्रशासनिक कदमों से नहीं, बल्कि जनसहभागिता और स्थायी शहरी नवाचारों के माध्यम से ही संभव है।

नवाचार प्रयासों की जानकारी
नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम देहरादून द्वारा हाल के महीनों में किए गए कई नवाचार प्रयासों की जानकारी साझा की गई, जिनमें प्रमुख हैं:
जनवरी 2025 में Public Spaces Consultation Conclave का आयोजन, जिसमें देशभर की प्रतिष्ठित फर्मों ने भाग लिया। इनकी सिफारिशों के आधार पर:
बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधाओं वाले पार्कों का निर्माण किया गया।
हरित पखवाड़े के दौरान नागरिकों की भागीदारी से 1 लाख पौधे लगाए गए।
नगर की हरित नीति (Green Policy) का मसौदा तैयार किया गया।
गीले व सूखे कचरे को पृथक करने पर यूज़र चार्ज में सब्सिडी की व्यवस्था लागू की गई।
कूड़ा एकत्रीकरण में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की भागीदारी सुनिश्चित की गई।
सहभागिता पर विशेष बल
श्रीमती बंसल ने जोर देकर कहा कि शहरी जलवायु संकट से निपटने के लिए सामुदायिक भागीदारी, स्थानीय समाधान, और हरित बुनियादी ढांचे का विकास आवश्यक है। शहरी वन, वर्षा जल संचयन, सतत कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय जागरूकता जैसे उपायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों, शहरी नियोजकों, पर्यावरणविदों, और छात्रों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही, जिन्होंने नगर आयुक्त की पहल की सराहना की।