खटीमा विधानसभा क्षेत्र के सीमांत सुरई वन रेंज के दूरस्थ वन क्षेत्र में स्थित सिद्ध बाबा भारामल के समाधि स्थल के महंत बाबा हरि गिरि महाराज एवं एक अन्य की धाम में ही हत्या किए जाने की खबर मिलते ही क्षेत्र में दहशत फैल गई। सूचना मिलने पर संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस के साथ क्षेत्र के सभी आला अधिकारी मौके के पर पहुंचे। हमले में घायल हुए सेवादार नन्हे बाबा के बयानों के अनुसार बृहस्पतिवार की देर रात लगभग 12:00 बजे के आसपास तीन लोगों के द्वारा इस हमले को अंजाम दिया गया।
हमले के वक्त आश्रम में बाबा हरी गिरी महाराज और सेवादार नन्हे बाबा के साथ दो अन्य मानसिक रोगी मौजूद थे। सभी लोग भिन्न-भिन्न स्थानों पर सो रहे थे जिस दौरान सोते हुए लोगों पर ही एकाएक लाठी डंडों के द्वारा जबरदस्त हमला किया गया। जिसमें आश्रम के मुख्य महंत बाबा हरि गिरि महाराज एवं रूपा नामक एक अन्य मानसिक रोगी युवक की मौके पर ही मृत्यु हो गई तो वहीं आश्रम में रुका दूसरा मानसिक रोगी जगदीश जो कि हमले के समय जाग चुका था।
हमले की दहशत के चलते अपनी जान बचाने के लिए गहन जंगल में भाग गया। वहीं आवाज सुन कर जाग चुके सेवादार नन्हे बाबा पर भी हमलावर द्वारा तुरंत ही हमला कर दिया गया। जिससे वह घायल होकर मौके पर ही बेहोश हो गए और हमलावरों द्वारा उन्हें मरा हुआ समझ कर छोड़ दिया गया। ज्ञात होगी सिद्ध बाबा भारामल समाधि धाम में स्थानीय लोगों की बहुत आस्था है। यहां तक की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बाबा के धाम में बहुत आस्था रखते हैं।
बीती 27 दिसंबर को धाम में हुए भंडारे में मुख्यमंत्री ने स्वयं हाजिरी लगा कर सेवा की थी। ऐसे में धाम में हुई यह यह घटना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। जिसको सुलझाने के लिए जनपद से आल्हा अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। मौकाएं वारदात की जांच के लिए फोरेंसिक टीम भी पहुंच चुकी है। वहीं घटना में घायल हुए सेवादार नन्हे बाबा को उपचार के लिए खटीमा के नागरिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
चिकित्सकों के अनुसार उनकी हालत अब स्थिर है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है। जांच में वन विभाग द्वारा लगाए गए कैमरा ट्रेप एवं डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम की मदद से एविडेंस कलेक्ट किए जा रहे हैं। प्रथम दृष्टि में यह लग रहा है कि लूटपाट की नियत से इस घटना को अंजाम दिया गया है।