बॉबी पंवार के खिलाफ पत्रकार हुए एक जुट महनिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी के पक्ष में पत्रकार

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देहरादून। उत्तराखंड सोशल मीडिया

पर आज चर्चा का विषय सूचना

महानिदेशक बंशीधर तिवारी के पक्ष

में पत्रकारों का एक साथ खड़ा होना

एक खबर के रूप में समझा जा

सकता है। आखिरकार क्यों पत्रकार

सूचना महानिदेशक के पक्ष में

सोशल मीडिया के माध्यम से उनके

कामकाज की सराहना कर रहे हैं, ये

समझना जरूरी है। दरअसल खुद गंभीर अपराधिक धाराओं के मुकदमे में नामित बाबी पंवार आईएएस बंशीधर तिवारी जैसे ईमानदार सहज सरल अधिकारी पर सवाल खड़े कर रहे है बॉबी का खुले आम मारपीट महिलाओं से अवद्रता का वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस जांच कारवाई भी जारी है अब बात आज की पोस्ट की

बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी

पंवार के द्वारा सोशल मीडिया पर

एक पोस्ट शेयर की गई है, जिसमें

उन्होंने एक पत्रिका को विज्ञापन देने

को लेकर सवाल उठाए हैं, और वह

पत्रिका उत्तराखंड से बाहर की

है, जिसको करीब 70 लाख से

ज्यादा का विज्ञापन मिला हुआ है,

प्रदेश से बाहर की पत्रिका को 70

लाख से ज्यादा का विज्ञापन कैसे

और क्यों मिल गया, इसको लेकर

सवाल उठाया ही गया है, लेकिन

इसके लिए सूचना महानिदेशक

बंशीधर तिवारी को जिम्मेदार बॉबी

पंवार के द्वारा अपनी पोस्ट में

दर्शाया गया है, यह वास्तव में एक

जिम्मेदार नेता के लिए भी जरूरी

होता है कि यदि वह किसी पर कोई

आरोप लगा रहे हैं तो तथ्यों को भी

परख ले, कि आखिरकार तथ्य क्या

कुछ कह रहे हैं, लेकिन जैसे ही

कुछ कह रहे हैं, लेकिन जैसे ही

उन्होंने यह पोस्ट शेयर की उनकी

पोस्ट पर ही कई लोगों ने उन्हें तथ्य

दुरुस्त करने की सलाह दे डाली

और जब विज्ञापन पत्रिका को जारी

हुआ उस समय सूचना महानिदेशक

बंशीधर तिवारी के न होने का

हवाला भी दिया गया । अब यह

बॉबी पवार को भी समझना चाहिए

कि आखिरकार जो आरोप उनके

द्वारा लगाए गए वह कितने सही

साबित हैं, उनको अपनी पोस्ट पर

मिले कमेंट से पता चल गया होगा।

लेकिन यह सत्य है कि जब पत्रिका

को विज्ञापन मिला तो उसे समय

सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी

नहीं थे। अमूमन देखा जाता है कि

बॉबी पंवार जो भी मामले उठाते

हैं, उनमें दम नजर आता है, लेकिन

इस मामले में उनका दम नहीं नजर

आ रहा है, क्योंकि जिस अधिकारी

पर वह सवाल उठा रहे हैं, वह उनके

कार्यकाल का है ही नहीं तो फिर

क्यों बॉबी पंवार ने सस्ती

लोकप्रियता के लिए यह पोस्ट कर

दी यह भी सवाल बॉबी पवार पर

बनता है। बॉबी पंवार उत्तराखंड की

सियासत में अब खांसी चर्चाओं में

रहते हैं, ऐसे में यदि अगर एक

जिम्मेदार और बड़ा नेता खुद को

उनको साबित करना है तो उसके

लिए तथ्यों के साथ कोई बात

करनी चाहिए, अन्यथा ऐसी पोस्टों

करनी चाहिए, अन्यथा ऐसी पोस्टों से किसी की छवि को नुकसान पहुंचाना भी ठीक नही है।

पहली बार बड़ी बुरे फंसे बॉबी

ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब बॉबी पवार किसी पोस्ट पर बुरे फंसे हो और वह भी पत्रकारों के नजरिए से, अब तक सियासी दलों के निशाने पर जहां बॉबी पंवार प्रमुख रूप से रहे हो तो वही इस बार मामला पत्रकारों से जुड़ा हुआ है, उत्तराखंड के कई पत्रकारों ने बॉबी पंवार की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, उन्हें तथ्यों के साथ पोस्ट करने की सलाह दी है। नीचे दिए

बंशीधर तिवारी जैसे कोई महानिदेशक नहीं

सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को एक सुलझावा अधिकारी माना जाता है, और जब से उन्होंने सूचना महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी है, तब से उत्तराखंड के पत्रकारों को लगता है कि शायद ही सूचना विभाग में ऐसा कोई सूचना महानिदेशक आया हो जिनके द्वारा पत्रकारों से संवाद की दूरी को खत्म ही नहीं की गई, बल्कि पत्रकारों से मिलकर उनकी समस्याओं के निदान का भी दायरा बढ़ा दिया। आज सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी पत्रकारों से मिलने जुलने

और उनकी हर समस्या से अवगत

होने पर समाधान भी करते है, तो

उनकी डिक्सनरी में जितना महत्व

किसी भी संस्थान के संपादक का

होता है, उससे ज्यादा महत्व फील्ड

पर भाग दौड़ करने वाले पत्रकार

का नजर आता है, ऐसा हमने भी

महसूस किया है। सूचना विभाग के

अब तक जितने भी सूचना

महानिदेशक या सचिव या सूचना

विभाग के अधिकारी रहे हैं, उनकी

डिक्शनरी में वही पत्रकार होते

हैं, जो या तो सूचना विभाग की दौड़

केवल विज्ञापन के लिए लगाते

है, या उनकी आवत भगत के

लिए. लेकिन सचना महानिदेशक

बंशीधर तिवारी के लिए वह सभी

पत्रकार है जो वास्तव में पत्रकारिता

से जुड़े हैं और पत्रकारिता कर रहे

हैं, इसका उदाहरण इस बात से भी

समझा जा सकता है की सूचना

महानिदेशक के कार्यालय में जहां

इससे पहले गिने चुने पत्रकार पहुंच

जाते थे, तो वहीं अब सूचना

महानिदेशक के कार्यालय में हर

समय आपको कोई भी फील्ड पर

भागदौड़ करने वाले पत्रकार नजर

आ जाएंगे, यही वजह है कि आज

सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में

पत्रकार पोस्ट शेयर करते हुए साफ

तौर से लिख रहे हैं, की बंशीधर

तिवारी जैसा सूचना महानिदेशक

मिलना बेहद मुश्किल है, जो