जोशीमठ में भू धंसाव को लेकर नगर में चक्काजाम से लोगों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ी। कई लोगों ने जोशीमठ से हेलंग तक दस किलोमीटर की दूरी पैदल नापी। वहीं, बाजार बंद होने से लोग भूखे-प्यासे रहे। साथ ही पर्यटकों ने वाहनों में दिन गुजारा। शाम को जाम खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली।
औली जा रहे पर्यटकों ने भी दिनभर जोशीमठ में रहकर दिन गुजारा, औली रोपवे का संचालन भी बंद होने से पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। झांसी की स्मृति ने बताया कि वे दो दिनों तक जोशीमठ और औली में घूमने के बाद बृहस्पतिवार को वापस जाना था, लेकिन जाम की वजह से उनके वाहनों को आगे जाने नहीं दिया गया, जिस कारण दिनभर वाहन में ही दिन गुजारा। दिल्ली के संदीप, प्रज्ज्वल और हिमांशु ने बताया कि वे औली घूमने आए थे, लेकिन जाम की वजह से घंटों वाहन में ही फंसे रहे। बाजार बंद होने से चाय तक नसीब नहीं हो पाई।
बता दें कि जोशीमठ नगर क्षेत्र के शीघ्र ट्रीटमेंट की मांग को लेकर गुरुवार को स्थानीय लोगों ने चक्काजाम का एलान किया था। सुबह करीब आठ बजे जोशीमठ नगर के शुरुआत में ही लोगों ने हाईवे को जाम कर दिया।
नगर में वाहनों के जाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से पीपलकोटी की ओर से आने वाले वाहनों को हेलंग में ही रोक लिया, जबकि जोशीमठ की ओर से वाहनों को औली रोड पर रोका गया। जोशीमठ, तपोवन, पांडुकेश्वर, गोविंदघाट के साथ ही पीपलकोटी की ओर से आने वाले लोगों को वाहन नहीं मिले, तो वे पैदल ही अपने गंतव्य को निकले।
पीपलकोटी की कुसुम ने बताया कि वह अपने बच्चे के साथ चार दिन पहले जोशीमठ में अपने मायके पहुंची थी, गुरुवार को वापस ससुराल जाना था, लेकिन वाहन न मिलने के कारण बच्चे के साथ पैदल ही हेलंग तक गई।
जाम में फंसे पर्यटकों व असहाय लोगों के लिए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के निर्देश पर भंडारे का आयोजन किया गया। शंकराचार्य मठ में लोगों ने भोजन किया। जोशीमठ बाजार बंद होने से आम लोगों के साथ ही पर्यटकों को खाने के लिए भटकना पड़ा। शंकराचार्य मठ की ओर से भोजन के 500 पैकेट जाम स्थल बांटे गए। साथ ही मठ परिसर में भी निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई। इससे लोगों ने राहत की सांस ली।