आईपीएस रचिता जुयाल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार, 16 सितंबर से प्रभावी

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देहरादून। उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी रचिता जुयाल के इस्तीफे को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। यह इस्तीफा भारत के राष्ट्रपति द्वारा 16 सितंबर 2025 की दोपहर से प्रभावी रूप से स्वीकृत कर लिया गया है।

राज्य की गिनी-चुनी महिला आईपीएस अफसरों में शुमार रचिता जुयाल को उनके साफ-सुथरे प्रशासनिक कार्यशैली और सख्त छवि के लिए जाना जाता था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं और कानून-व्यवस्था को सशक्त बनाने में अहम भूमिका अदा की।

हालांकि, उनके इस्तीफे के कारणों को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई विवरण साझा नहीं किया गया है, लेकिन यह इस्तीफा स्वैच्छिक बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से यह फैसला लिया है।

रचिता जुयाल के इस्तीफे को लेकर पुलिस विभाग और प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। एक अनुभवी और तेजतर्रार अधिकारी के रूप में उनकी पहचान थी, और उनके अचानक से सेवा से हटने को कई लोग एक “प्रशासनिक क्षति” मान रहे हैं।

अब यह देखना होगा कि रचिता जुयाल आगे क्या राह चुनती हैं – क्या वे किसी नई जिम्मेदारी की ओर कदम बढ़ाएंगी या फिर निजी जीवन को प्राथमिकता देंगी।


मुख्य बिंदु:

अधिकारी का नाम: रचिता जुयाल

बैच: IPS 2015

इस्तीफा स्वीकृति की तिथि: 16 सितंबर 2025, अपराह्न से

स्वीकृति: भारत के राष्ट्रपति द्वारा

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आईपीएस रचिता जुयाल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार, 16 सितंबर से प्रभावी

देहरादून। उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी रचिता जुयाल के इस्तीफे को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। यह इस्तीफा भारत के राष्ट्रपति द्वारा 16 सितंबर 2025 की दोपहर से प्रभावी रूप से स्वीकृत कर लिया गया है।

राज्य की गिनी-चुनी महिला आईपीएस अफसरों में शुमार रचिता जुयाल को उनके साफ-सुथरे प्रशासनिक कार्यशैली और सख्त छवि के लिए जाना जाता था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं और कानून-व्यवस्था को सशक्त बनाने में अहम भूमिका अदा की।

हालांकि, उनके इस्तीफे के कारणों को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई विवरण साझा नहीं किया गया है, लेकिन यह इस्तीफा स्वैच्छिक बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से यह फैसला लिया है था। चर्चा यह है कि उन्होंने निजी क्षेत्र में सेवा देने का फैसला पहले ही ले लिया था