यूपी एटीएस ने अभियान चलाकर आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) तथा सहयोगी जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली और उत्तराखंड से की गई है।
गिरफ्तार आतंकियों में सहारनपुर के लुकमान, कारी मुख्तार, कामिल, नवाजिश अंसारी और मो. अलीम, शामली के शहजाद और उत्तराखंड के मुदस्सिर और अलीनूर शामिल हैं। अलीनूर हरिद्वार में छिपकर रह रहा था। वह मूल रूप से बांग्लादेश का नागरिक है।
जानकारी के अनुसार, इसी वर्ष मार्च व अगस्त में भोपाल से एनआईए ने एक्यूआईएस व जेएमबी के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनके खुलासे के आधार पर यूपी एटीएस भी छानबीन में जुटी हुई थी।
गजवा-ए-हिंद के मंसूबे को पूरा करने के लिए दोनों संगठन भारत में अवैध घुसपैठ कर सीमावर्ती राज्यों में कट्टरपंथी विचारधारा वाले व्यक्तियों को जोड़ रहे हैं और वहां के मदरसों में अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं।
गजवा-ए-हिंद की विचाराधारा को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार में कुछ क्षेत्र विशेष का इस्तेमाल किया जा रहा था। यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े आठ संदिग्ध आतंकियों में से एक बांग्लादेशी लंबे समय से हरिद्वार में रह रहा था। एक स्थानीय युवक लंबे समय से उसका दोस्त था। आशंका जताई जा रही है कि हरिद्वार के सैकड़ों युवाओं को ये अपनी विचारधारा से जोड़ चुके हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस की खास टीम ने अलीनूर निवासी सलेमपुर, जिला हरिद्वार, मूल निवासी ग्राम जहरन, जिला गोपालगंज, ढाका, बांग्लादेश और मुदस्सिर निवासी नगला इमरती, रुड़की, हरिद्वार को गिरफ्तार किया
उत्तर प्रदेश एटीएस ने उत्तराखंड से पकड़ा एक बांग्लादेश का मूल निवासी
है। इनसे पूछताछ में उत्तराखंड कनेक्शन का भी पता चला है। आशंका है कि ये दोनों यहां लंबे समय से कुछ स्थान विशेष से गजवा-ए-हिंद विचारधारा से युवाओं को जोड़ रहे थे। बताया जा रहा है कि इन्हें टेरर फंडिंग के जरिये बहुत सा पैसा भी मिल रहा था। इससे ये अपना स्थानीय मॉड्यूल तैयार कर रहे थे।
बांग्लादेशी युवक को मुदस्सिर ही अपने साथ लेकर आया था। बताया जा रहा है कि उसके किसी रिश्तेदार ने दोनों को कोलकाता में एक कार्यक्रम में मिलवाया था। तभी से दोनों गजवा-ए-हिंद की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए ये सब आपस में एक होकर अभियान चला रहे थे