उत्तर प्रदेश पुलिस में आगामी लोकसभा चुनावों के दृष्टिगत चुनाव आयोग के निर्देशानुसार एक जिले में तीन वर्ष से तैनात पुलिस कर्मियों दरोगा इंस्पेक्टरों को हटाने के साथ साथ अटैच चल रहे कर्मियों को रिलिव करना भी शुरू कर दिया है। ज्बकि उत्तराखंड में अभी इस प्रकार का कोई पत्र भी जारी नही हुआ है। कुछ दमदार इंस्पेक्टर दरोगा इन आदेशों को और लेट कराने में जुटे है। ज्बकि मुख्यालय स्तर से अभी कोई ऐसी ठोस जानकारी सार्वजनिक भी नही हुई है। जानकार बताते हैं कि ये चुनाव आयोग का फैसला शत प्रतिशत हर राज्य की पुलिस को लागू करना ही होगा इसकी अनदेखी नही की जा सकती है।
पुलिस महकमे में सबसे ज्यादा निगाहें इस बात पर भी टिकी है कि निर्वतमान डीजीपी अशोक कुनार की सेवानिवृत्ति के बाद आखिरकार कमान किसे मिलने जा रही है। नई तैनाती के साथ ही लोकसभा चुनावों के अनुरूप तीन वर्षीय आदेशों का पालन शुरु होना भी तय माना जा रहा है। चर्चायें इस बात की भी जोरों पर है कि कुमाँऊ मंडल में तैनात सर्व शक्तिशाली इंस्पेक्टर दरोगा अभी इस फैसले की काट ढूंढने और कैसे भी हुकूमत बची रहे के रास्ते ढूंढने में जुट गये है। आपको बताते चलें कि तीन साल सेवा अवधि की कट आफ डेट 31 मई 2024 के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय़ ने कार्रवाई शुरु कर दी है।