देहरादून शराब कारोबार में भागीदारी के नाम पर एक करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित की शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने मैसर्स नीलकंठ एसोसिएट के पार्टनरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप है, मुनाफा न देना पड़े इसलिए आरोपियों ने बैलेंस शीट में कंपनी को घाटे में दिखा दिया।
कोतवाली इंस्पेक्टर राकेश गुसाईं ने बताया, इस संबंध में दुर्गेश निवासी कालसिया एस्टेट, मसूरी ने शिकायत दर्ज कराई है। बताया कि मैसर्स नीलकंठ एसोसिएट्स के तीन पार्टनर अरविंद मोहन नैथानी, हरीश जुयाल व विनीत कुकरेती उनके परिचित थे। तीनों ने उन्हें वर्ष 2020-21 में शराब व्यवसाय में 25 प्रतिशत भागीदारी देने का आश्वासन दिया। इसके बाद उन्होंने एक भागीदारी विलेख कचहरी परिसर देहरादून में बनाया। जिसमें अरविंद मोहन, हरीश जुयाल और वह 25-25 प्रतिशत तथा विनीत कुकरेती 23 प्रतिशत, मीनाक्षी कुकरेती व बिमला कुकरेती 1-1 प्रतिशत के भागीदार दर्शाए गए थे।दुर्गेश ने बताया कि तीनों लोगों ने उनसे कारोबार में शेयर कहकर अलग-अगल 1.22 करोड़ रुपये ले लिए। आरोप है कि उन्होंने जब तीनों से हिसाब पूछा तो उन्होंने कारोबार मंदा होना का बहाना बना दिया। जब उन्होंने दबाव बनाया तो उन्होंने कंप्यूटर से बनी फर्म की बैलेंस शीट दी। जिसमें उन्होंने व्यापार में 7.70 करोड़ रुपये का का नुकसान दिखाया, लेकिन जब वह कंपनी के अकाउंटेट से मिले तो पता चला कि कंपनी को 36.85 लाख रुपये का लाभ हुआ है। यह भी पता चला कि पार्टनर में उनका नाम नहीं था। पीड़ित की शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।