देहरादून राज्य पुलिस के मुखिया डीजीपी अशोक कुमार के विशेष प्रयासों के तहत जारी नशा ड्रग्स जैसी बीमारियों के खिलाफ अभियान में गढवाल रेंज ने एक बडी तैयारी की है। एम्स ऋषिकेश जैसे केंद्रीय संस्थान को डी एडिक्शन सेंटर बनाये जाने तक ही अभियान सीमित नही होगा। गढवाल मंडल के दूरस्थ गांवों तालुकों में ऐसे युवाओं को ड्रग्स की लत से दूर किये जाने के साथ ही इन पर नजर बनाये रखने व एक बडी योजनागत तरीके से युवाओं को इस दलदल से निकालने व एक अच्छा जीवन यापन हो की तैयारी की गई है। निजी संस्थाओं से लेकर जनजागरूकता को भी इस अभियान में शामिल किया गया है।
दरअसल तमाम प्रकार के मंथन व अलग अलग स्तर पर हुई डीआईजी रेंज की समीक्षा बैठकों के बाद यह तय किया गया है कि ड्रग्स डि एडिक्शन प्रोग्राम को एक बड़े लेवल पर किया जाये। इसका आशय यह है कि जो युवा नशे की लत मे फंसे है उनके डि एडिक्शन सेंटर एम्स आने से लेकर वापस घर जाने तक उन पर निगाह भी रखी जाये।ऐसी भी जानकारीयां समय समय पर मिलती रहती है कि युवा ड्रग्स छोडने के बाद फिर अलग अलग तरीके से नशे की चपेट में आ जाते है। रेंज कार्यालय में तैयारी चल रही है कि ऐसे युवाओं के डि एडिक्शन केंद्र से जाने के बाद उनके व्यवहार दैनिक रूटीन पर बीट कांस्टेबल व राजस्व इलाको में समय समय पर इन हालचाल जानने की व्यवस्था की जाये।डी- एडिक्शन कार्यक्रम मे कई निजी संस्थाओं व वॉलिटयर्स से भी संपर्क किया जा रहा है। ये संस्थायें भी नशे के विरूद्ध इस महाअभियान में सहयोग करेगी। डीआईजी गढवाल रेंज नीरू गर्ग ने कहा कि हम चाहते है कि ड्रग्स की चपेट में आये शत प्रतिशत युवा इस बीमारी से दूर हो इसके लिये सभी के प्रयास व मदद की जरूरत है। गणतंत्र दिवस पर पौडी जाने से पहले डीआईजी एम्स ऋषिकेश भी जायेंगी और तैयाारियों व डी एडिक्शन केंद्र के सिस्टम को और दुरस्त करने के निर्देश देंगी।