देहरादून राज्य के आबकारी महकमे में अथ श्री तबादला कथा धूम मचाये हुये है। आये दिन आ रही लिस्टें व संशोधन सूचियों को देख कल वरिष्ठ आईएएस व सचिव आबकारी सचिव सचिन कुर्वे को भी निर्देश देने पडे है। अब सवाल और भी गंभीर उठ रहे है राजस्व के लिहाज से बडे जिलो में पर्याप्त स्टाफ ही नही है ज्बकि हरिदार जिले में ऐसी तैनाती भी की गई जो कि स्वीकृत पद नही है। हो सकता है व्यवस्था दुरूस्त करने के लिये ऐसा करना पडा हो पर बडे जिलों के बडे सर्किल में स्टाफ की नियुक्ति न होना भी सवालों को जन्म देता है। कई कर्मचारी इस पूरी सूची को ही निरस्त करने की मांग भी अब दबी जुबान में कर रहे है।
राज्य की आर्थिकी में अहम योगदान देने वाले आबकारी विभाग का राजस्व शराब ठेकों से मिलता है। शराब ठेकों के संचालन की जिम्मेदारी जिला आबकारी अधिकारियों के कंधों पर है और वो ही रडार पर ही रहते है। पर राजस्व के लिहाज से बडे जिले जैसे दून हरिदार में पर्याप्त स्टाफ न होना व सर्किलो में स्टाफ की कमी होना सवालों को भी जन्म देता है। इन जिलों पर राजस्व की बडी जिम्मेदारी है। दून जिले में मसूरी ऋषिकेश व शहर के सर्किलो में स्टाफ की कमी पर न जाने क्यों तबादला सूची बनते समय नजर नही गई। यही हाल हरिदार जिले के कुछ स्टाफ को लेकर भी था। जानकारों की मानें तो ट्रांसफर पोस्टिंग के पीछे व्यवस्था सुधार कम पसंद न पसंद का फार्मूला अधिक चलता है। अब सचिव आबकारी के रडार पर ये सारी जानकारीयाँ पंहुच चुकी है।
एक और लिस्ट थी तैयार। जानकारों की मानें तो एक और तबादला लिस्ट को अंतिम रूप दिया जा चुका था। इसमें कई सिपाही व 12 इंस्पेक्टर बताये जा रहे है लेकिन कल सचिव के तबादलों को लेकर उठ रहे सवालों व तेवर देख अब इसे ठंडे बस्ते में ही माना जा रहा है।
ओवरेटिंग के खिलाफ कार्रवाई शुरु सचिव सचिन कुर्वे के विभाग की जिम्मेदारी संभालते ही जहाँ बकाया चल रही प्रतिभूतियाँ जमा होने में तेजी आई है। वही अब ओवररेटिग के खिलाफ भी कार्रवाई शुरु होने जा रही है। जिसकी शुरुआत पौडी जिले से हो चुकी है।