
हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण की 84वीं बोर्ड बैठक श्विनय शंकर पाण्डेय, आयुक्त, गढ़वाल मण्डल एवं अध्यक्ष, हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता में प्राधिकरण सभागार सम्पन्न हुयी। बैठक में श् मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, हरिद्वार अंशुल सिंह, उपाध्यक्ष, हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण, श्री नन्दन कुमार, नगर आयुक्त, नगर निगम्, हरिद्वार, श्री अतर सिंह, अपर सचिव, उत्तराखण्ड शासन, आवास विभाग, श्री एस० एम० श्रीवास्तव, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन उत्तराखण्ड श्री राजीव शर्मा, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, शिवालिक नगर सहित सचिव वित्त, सचिव सिंचाई, सचिव पेयजल निगम तथा सचिव पर्यटन, उत्तराखण्ड शासन के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक की कार्यवाही का संचालन श्री मनीष कुमार सिंह, सचिव, हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया।
बोर्ड के समक्ष विगत बोर्ड बैठक सं० 83 की पुष्टि एवं अनुपालन सहित कुल 26 मद प्रस्तुत किये गये। प्राधिकरण का वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु कुल रू0-34764.79 लाख का बजट स्वीकृत किया गया।
मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, उत्तराखण्ड द्वारा प्रस्तावित हरिद्वार महायोजना तथा रूड़की महायोजना-2041 का प्रस्तुतीकरण बोर्ड के समक्ष किया गया। प्रस्तावित महायोजना को आमजन के समक्ष ही शीघ्र ही प्रदर्शित किये जाने के निर्देश दिये गये।
हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत नगर निकाय सीमा के बाहर स्थित गायों की मूल आबादी क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृति से छूट प्रदान करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिस पर सर्व सम्मति से बोर्ड द्वारा प्रकरण शासन को संदर्भित किये जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में रुड़की क्षेत्र में कतिपय पार्कों के सौन्दर्गीकरण एवं विकास हेतु सुझाव दिया गया। बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया कि जिलाधिकारी, हरिद्वार से प्रस्ताव प्राप्त कर स्वीकृति हेतु आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किया जाये।
हरिद्वार नगर क्षेत्र में श्रवणनाथ नगर से भूपतवाला, सप्तसरोवर क्षेत्रों में अधिकांशतः व्यक्तियों द्वारा आवासीय भवन माानचित्र स्वीकृत कराकर उसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, जिस कारण क्षेत्र में पार्किंग, अग्निशमन एवं यातायात की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसी प्रकार शिवालिक नगर क्षेत्र में भी आवासीय भवन मानचित्र स्वीकृत कराकर उसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, जिस कारण क्षेत्र में यातायात सहित अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
उक्त क्षेत्रों के सम्बन्ध में बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया कि इन क्षेत्रों में एक माह के लिए भवन मानचित्र स्वीकृति पर रोक लगाते हुए क्षेत्र में हो रहे निर्माण का गहन सर्वे कराकर इसे नो कन्सट्रक्शन जोन घोषित किया जाये तथा तत्सम्बन्धी आख्या शासन को प्रेषित करते हुए इस सम्बन्ध में आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त किया जाये।
नगर निगम, हरिद्वार क्षेत्रान्तर्गत नगर निगम को आवारा पशुओं के रेस्क्यू तथा सराय स्थित ए०बी०सी० सेन्टर हेतु सहायता के रूप में रू0-50.00 लाख की धनराशि तथा एक रेस्क्यू वाहन कय करने की स्वीकृति प्रदान की गयी।
जन सामान्य की मांग पर हरिद्वार विकास क्षेत्र में प्राधिकरण द्वारा नियमित कॉलोनियों एवं उसके बाहर के क्षेत्रों में अलग-अलग दर से भू-उपविभाजन शुल्क तथा विकास शुल्क की दरों मे भिन्नता को समाप्त करते हुए शासन द्वारा अनुमोदित दर से भू-उपविभाजन एवं विकास शुल्क लिये जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुत प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा विस्तार से विचार विमर्श करते हुए प्रस्ताव शासन को संदर्भित किये जाने का निर्णय लिया गया।
उत्तराखण्ड शासन द्वारा निर्गत भूमि संयोजन योजना (कियान्वयन) नियम-2015 यथासंशोधित 2016 के प्रावधानों के
अनुसार प्राधिकरण को लैण्ड बैंक बनाये जाने के उद्देश्य से प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बोर्ड द्वारा हरिद्वार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूमि संयोजन किये जाने की सहमति प्रदान की गयी। इस सम्बन्ध में पब्लिक नोटिस के माध्यम से अवगत कराया जायेगा।
शेष बिन्दुओं पर गुण-दोष के आधार पर बोर्ड द्वारा निर्णय लिया गया। बैठक में प्राधिकरण की ओर से उपस्थित शैफाली गुप्ता, मुख्य वित्त अधिकारी सहित अधिशासी अभियन्ता समस्त सहायक अभियन्ता एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे।