हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें डोईवाला निवासी युवक जितेंद्र नेगी ने आत्महत्या से पूर्व जमीन की खरीद-फरोख्त संबंधी विवाद का उल्लेख किया है। वीडियो में उसने हिमांशु चमोली नामक व्यक्ति का नाम लिया है।
इस मामले में पुलिस द्वारा जांच की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। वीडियो में हिमांशु चमोली को मुख्यमंत्री का OSD बताए जाने का दावा किया गया है, किंतु फैक्ट चेक में यह दावा पूरी तरह भ्रामक और असत्य साबित हुआ है। मुख्यमंत्री कार्यालय में इस नाम का कोई OSD नियुक्त नहीं है और न ही इस संबंध में कोई सरकारी आदेश अथवा नियुक्ति पत्र जारी हुआ है।
भाजपा करोड़ों कार्यकर्ताओं वाली पार्टी है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि यदि कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री कार्यालय या पार्टी के नाम पर धन का लेन-देन करता है, तो पैसा देने वाले को भी संपूर्ण सत्यापन एवं जांच-परख करना आवश्यक है। बिना तथ्य जाने किसी के बहकावे में आना व्यक्तिगत भूल है, और ऐसे मामलों से सभी को सतर्क रहना चाहिए।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष और कुछ तथाकथित youtubers इस संवेदनशील विषय को भी सस्ते राजनीतिक लाभ का माध्यम बना रहे हैं और जनता को भ्रमित करने और मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय पर निराधार आरोप लगाना विपक्ष की केवल और केवल घटिया राजनीति है।
जनता से अपील है कि वे किसी भी प्रकार की अपुष्ट खबरों पर विश्वास न करें। इस प्रकार की झूठी और भ्रामक सूचनाएँ फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।