देहरादून उत्तराखंड राज्य में सीएम तीरथ सिंह रावत के आदेशों को एक माह भी नही बीता है और चार बडी तबादला सूची जारी हो गई है। बीते 19 अप्रैल को कोविड के बढते मामलों को देखते हुये सीएम तीरथ के आफिशियल टिवटर हैंडल से जारी एक ट्वीट से जमकर ब्यूरोक्रेसी में चर्चायें बढी थी। सरकार ने राज्य में पुलिस समेत अन्य विभागो में तबादलों पर रोक लगा दी थी। सीएम के इस ट्वीट के कुछ देर बाद ही सचिव गृह नीतेश झा का एक आदेश भी जारी हो गया जिसमें पुलिस महकमे में इंस्पेक्टर दरोगाओं के तबादलों पर रोक लगाने के आदेश भी जारी कर दिये गये। चर्चायें जोरो पर थी कि पुलिस महकमे मेें होने वाले दरोगा इंस्पेक्टरों के तबादले होना इतना आसान नही होगा और करीब करीब हुआ भी वैसा ही। खैर कोविड के चलते ये अस्थाई रोक थी लिहाजा सभी ने इसे जरूरी समझा।
लेकिन 19 अप्रैल को सीएम के टि्विट व सचिव गृह नीतेश झा के आदेशों के बाद आज 11 मई को चौथी तबादला लिस्ट जारी हो गई है। लिहाजा सवाल उठना भी लाज्मी है कि क्या सिर्फ दरोगा इंस्पेक्टरों के तबादले के लिय़े ही आदेश हुये थे। या फिर अब राज्य में कोविड संक्रमण नियंत्रण में आ गया है कि जो ये तबादला आदेश ध़डाधड़ जारी हो रहे है।तबादलों की शुरुआत वन विभाग से हुई इसके बाद खनन महकमे में तीन जिला खनन अधिकारी बदले गये। नई तबादला लिस्ट कुंभ से मुक्त हुए अफसरों की जारी हुई है चौथी लिस्ट आज शासन ने सात अफसरों की जारी कर दी है। सवाल ये भी है कि क्या ये इतने अति आवश्यक तबादले है कि जो कोविड काल में करने पड रहे है ज्बकि सीएम के ट्विवट के मुताबिक तबादलों पर रोक है या फिर वजह कुछ और ही है। बरहाल सीएम सचिवालय व कार्मिक के साथ ही गृह विभाग को क्या बिना सूचना के ये तबादले हो रहे है या दो मंत्रियों के दबाव में सिर्फ पुलिस तबादलों पर रोक के आदेश आये। वजह चाहे जो भी हो लेकिन अफसरशाही में ये चर्चा आम है कि सीएम के तबादलों पर रोक के आदेश के बावजूद तबादले कैसे हो रहे है ज्बकि कोविड संक्रमण काल जारी है। वहीं पुलिस महकमे में पहली बार पहाड से मैदान आने का सपना देख रहे पुलिसकर्मियों को भी बडा झटका सीएम के टिव्ट से लगा था । कही ऐसा तो नही की अब तबादलों पर लगी रोक हट गई है।