उत्तराखंड में वन विभाग विभाग के द्वारा केन्द्र सरकार की अनुमति के बिना ही कार्बेट पार्क से तीन हाथियों को गुजरात (Gujrat) भेजे जाने मामले में एक्शन टेकन रिपोर्ट हाई कमान को भेज दी गई है और अब फाइल पर मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।वन विभाग के सूत्रों की माने तो आज ही पूरे मामले की रिपोर्ट व प्रस्तावित कार्रवाई अनुमोदन के लिये भेजी गई है। जानकारों की मानें तो इस मामले में कुछ अफसर भी कार्रवाई के रडार पर आ सकते है। मामले में प्रमुख सचिव वन आर के सुधांशु ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
आपको बताते चलें कि बदले में गुजरात से भी चार हाथी उत्तराखंड (Uttarakhand) लाए गए थे। हैरानी की बात ये है कि दोनों राज्यों के बीच हुई हाथियों को लेकर हुई इस अदला-बदली के खेल की जानकारी केन्द्र सरकार तक को नहीं मिल पाई. ये मामला सामने आने के बाद से वन विभाग के
उत्तराखंड के कार्बेट पार्क से तीन हाथियों को गुजरात भेजने और इसके बदले में गुजरात से चार हाथियों को प्रदेश में लेकर आने के संबंध में प्रदेश सरकार ने केन्द्र को जो पत्र भेजा ता उसे केन्द्र सरकार ने रिजेक्ट कर दिया था लेकिन कुछ अधिकारियो ने पत्र के जबाव प्राप्त होने से पहलेहाथियों की अदला बदली करने में जल्दबाजी दिखाई आखिर किसके पीछे क्या वजह रही ये अभी साफ नही हो सका है। बावजूद इसके उत्तराखंड वन विभाग ने ये कदम उठाया और गुजरात के साथ हाथियों की अदला-बदली कर डाली. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसी क्या जरूरी वजह थी कि केन्द्र सरकार की इजाजत के बिना है वन विभाग ने इतना बड़ा कदम उठा लिया.