देहरादून शिक्षा विभाग के महानिदेशक रहे आईएएस अफसर बंशीधर तिवारी के शानदार कार्यकाल के लिये विभाग से उनके तबादले के बाद फेयरवेल या यूं कहें विदाई समारोह का आयोजन किया गया। सहस्त्रधारा रोड स्थित एक कार्यक्रम स्थल में उनका शानदार विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर भी बंशीधर तिवारी अपने अंदाज से सबको प्रभावित कर गये। सादगी सहजता सरलता इनका वो आभूषण है जो बेहद कम देखने को मिलता है।
इस पर मौके पर शिक्षा विभाग के कई बडे अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे। मंच से बोलते हुये बंशीधर तिवारी ने सभी का विभाग की बेहतरी छात्रों के हित में काम करने की योजना बनाने व उसे लागू करने के लिये धन्यवाद दिया है। आईएएस बंशीधर तिवारी ने कहा उनका तबादला भले ही हो गया है। लेकिन शिक्षा विभाग में उनके कार्यकाल में जो सहयोग सभी का मिला है उसे वो कभी भूल नही पायेंगें।
आपको बताते चलें कि उत्तराखंड के सबसे बड़े महकमों में से एक विद्यालयी शिक्षा विभाग में करीब एक लाख से अधिक अधिकारी कर्मचारियों का कैडर है। अब तक के सबसे लंबे कार्यकाल का रिकॉर्ड भी शिक्षा महानिदेशक वंशीधर तिवारी ने अपने नाम कर लिया है। तमाम जटिलताओं वाले विभाग से जहां अधिकारी भागते है वहीं तिवारी ने तीन साल शानदार तरीके से शिक्षा विभाग को दिये तीन साल का कार्यकाल देख उन्हे शासन को इस पद से हटाना पडा है।
23 अगस्त 2021 को उनकी शिक्षा महकमे में बतौर महानिदेशक नियुक्ति हुई और 4 सितंबर 2024 को वे इस पद से हटे। उनके पहले कोई तीन साल से अधिक की अवधि के लिए डीजी शिक्षा नहीं रहा। अपने इस तीन साल की लंबी और रिकॉर्ड पारी के पीछे श्री तिवारी का सबको साथ लेकर चलने वाला अंदाज मुख्य रहा। दरअसल, शिक्षा जैसा महकमा जहां आए दिन शिक्षक किसी न किसी बात को लेकर आंदोलित रहते थे, वहां श्री तिवारी ने सभी को हंशी-खुशी साथ लेकर विभाग को आगे बढ़ाया। सबसे बड़ी बात ये कि बच्चों को लेकर वे सर्वाधिक सक्रिय रहे। बच्चों के प्रति उनके स्नेह का अंदाजा इसी से लग जाता है कि वे साल में बड़े अवसरों-त्योहारों पर उनके बीच जाते रहे और अपना उस दिन का पूरा वक्त बच्चों को दिया। आज भी कई स्कूल छात्र ऐसे हैं जिनकी आप गुपचुप परवरिश की जिम्मेदारी उठा रहे है। सबसे खास एक किस्सा भी इनके लिये आम है कि मिलने वाला कोई भी तोहफा आप घर नही ले जाते है। जरूरतमंदों के बीच ही इसे आप बांटकर इतिश्री कर लेते है।
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